If you are newly married or are observing Teej fast for the first time then know these things, if you make these mistakes then the importance of the fast will reduce

काजल मनोहर/जयपुर. तीज का त्योहार महिलाओं द्वारा मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं व्रत कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है. अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग तरीके से तीज का पर्व मनाया जाता है. जयपुर में गाजे बाजे के साथ तीज की सवारी निकाली जाती है तो शेखावाटी क्षेत्र में महिलाएं तालाब के किनारे जाकर माता पार्वती की पूजा अर्चना करती है.
अगर आप नवविवाहित है और आपको नहीं पता की तीज के पर्व पर किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किस तरीके से यह व्रत रखा जाता है. तो आप इस तरह से इस व्रत की तैयारी कर सकती है.
इस तरह करें तीज का व्रतव्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्धता के साथ तीज के पर्व की शुरुआत करें, इसके अलावा व्रत करने से पहले मन में व्रत का उद्देश्य और महत्व समझ लें. व्रत और पूजा के दौरान स्वच्छ और पारंपरिक वस्त्र पहनें. इसके बाद पूजा स्थल को सजाएं और वहां ताजे फूल, दीपक, अगरबत्ती रखें.
फिर देवी-देवताओं की पूजा से पहले उनके पौराणिक कथा को सुने, कथा सुनने के बाद दीपक जलाएं और धूप करें. अर्चना और पूजा के बाद देवी-देवताओं को फूल, प्रसाद और जल अर्पित करें. इसके बाद पूरा दिन उपवास पर रहे. बीच में आप फल का अल्पाहार कर सकती हैं. रात पूजा समाप्त करने के बाद, व्रत के अंत में पूजा स्थल को साफ करें और अपने परिवार के साथ प्रसाद का सेवन करें.
तीज के व्रत के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि व्रत सही ढंग से पूरा किया जा सकें और इसका धार्मिक महत्व भी सुरक्षित रहे.
1.खाना-पीना और शुद्धता: व्रत के दौरान भोजन और पानी का सेवन न करें (यदि पूरी तरह उपवास है) और खाने-पीने के नियमों का पालन न करने से व्रत का महत्व घट सकता है. इसके अलावा शुद्धता का भी पूरा ध्यान रखें. पूजा के दौरान शरीर और पूजा स्थल की स्वच्छता का ध्यान रखें. अशुद्धता से पूजा का प्रभाव कम हो सकता है.2. मांसाहारी भोजन: व्रत के दौरान मांस, अंडा या अन्य तामसिक भोजन का सेवन न करें. केवल शुद्ध और हल्का भोजन करें.3. व्रत की विधि का पालन: व्रत की विधि और अनुष्ठान का सही तरीके से पालन करें. गलत पूजा विधियों से व्रत का पुण्य प्रभावित हो सकता है. वहीं व्रत के दौरान धैर्य और समर्पण बनाए रखें. यदि मन में किसी प्रकार की अशांति या असंतोष हो, तो इसे दूर करने का प्रयास करें.4. नकारात्मक विचार: पूजा और व्रत के दौरान नकारात्मक विचारों और भावनाओं से बचें. सकारात्मक मानसिकता व्रत की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है. व्रत के दिन अत्यधिक शारीरिक परिश्रम और यात्रा से बचें. विश्राम और आराम की स्थिति बनाए रखें.
इन बातों का पालन करने से व्रत के लाभ और प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है और धार्मिक अनुशासन को बनाए रखा जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : August 6, 2024, 17:52 IST