Imported oils spoiled the taste of domestic oils, farmers stopped goods due to softness in prices | आयातित तेलों ने बिगाड़ा घरेलू तेलों का जायका, भावों में नरमी से किसानों ने रोका माल
जयपुरPublished: May 23, 2023 10:30:41 am
सस्ते आयातित तेलों के आगे महंगा बैठने वाले घरेलू तेल-तिलहनों की कीमतों के टिक नहीं पाने के कारण सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली।
आयातित तेलों ने बिगाड़ा घरेलू तेलों का जायका, भावों में नरमी से किसानों ने रोका माल
सस्ते आयातित तेलों के आगे महंगा बैठने वाले घरेलू तेल-तिलहनों की कीमतों के टिक नहीं पाने के कारण सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली। दूसरी ओर नीचे भाव में बिकवाली से बचने के लिए किसानों के द्वारा मंडियों में रोक- रोक कर अपनी उपज लाने के कारण सरसों तेल-तिलहन कीमतों में मामूली सुधार रहा। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि विदेशों में खाद्य तेलों के दाम में भारी गिरावट आई है और किसान नीचे भाव में बिकवाली से बचने के लिए मंडियों में कम उपज ला रहे हैं। वर्तमान में खुदरा बाजार में सरसों तेल के दाम 115 से 120 रुपए व सोयाबीन तेल के दाम 100 से 105 रुपए लीटर बिक रहा है।