Rajasthan
In BRTS operation, the expenses are 6 times less than that of metro | BRTS ऑपरेशन में मेट्रो की तुलना में खर्च 6 गुना कम, दायरा बढ़े तो बसों में चढ़े जनता

परिवहन सेवा में बसों की 50 फीसदी हिस्सेदारी अरबन एण्ड रीजनल डवलपमेंट प्लान फॉर्मूलेशन-इंप्लीमेंटेशन (यूआरडीपीएफआई) की गाइडलाइन के अनुसार परिवहन सेवा में बसों की 50 फीसदी हिस्सेदारी होनी चाहिए। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने भी अलग से गाइडलाइन जारी की हुई है।
बस और मेट्रो: यूं समझें इनका अर्थशास्त्र
- सिटी बस : हर दिन करीब 1.25 लाख लोग सफर कर रहे हैं। इन पर सरकार को सालाना 30 करोड़ रुपए का घाटा है। इस तरह प्रति यात्री 6.66 रुपए आर्थिक भार पड़ रहा है।
- मेट्रो रेल: हर दिन करीब 26 हजार लोग यात्रा कर रहे हैं। 36 करोड़ रुपए सालाना आर्थिक भार (ऑपरेशनल लॉस) पड़ रहा है, जो प्रति यात्री 38.46 रुपए है।
इसलिए लाया गया था बीआरटीएस
सबसे अधिक जरूरी बात ये है कि जिन लक्ष्यों को लेकर BRTS लाया गया था, उनमें सभी समस्याएं अभी भी वैसे ही हैं, बल्कि सार्वजिनक परिवहन की चुनौतियाँ और बढ़ती ही जा रही हैं।
- सड़क-यातायात व्यवस्था में सुधार होगा
- लोगों के लिए फ्रेंडली परिवहन व्यवस्था
- सड़कों पर निजी वाहनों कम निकलेंगे
- एक स्थान से दूसरी जगह पहुंचने में लगने वाला समय घटेगा