In government schools, children are being taught to grow vegetables through organic farming, fresh vegetables are being provided in the mid-day meal.

Last Updated:March 02, 2025, 15:40 IST
दौसा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बाणेका बरखेड़ा ने किचन गार्डन से जैविक सब्जियां उगाकर मिड-डे मील में परोसने की अनूठी पहल की है. इससे बच्चों को स्वस्थ आहार और जैविक खेती की शिक्षा मिल रही है.X
सरकारी स्कूल में सब्जी तैयार करते हुए
हाइलाइट्स
दौसा के स्कूल में जैविक सब्जियां उगाई जा रही हैं.मिड-डे मील में ताजा सब्जियां परोसी जा रही हैं.बच्चों को जैविक खेती की शिक्षा दी जा रही है.
पुष्पेंद्र मीना/दौसा. दौसा जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बाणेका बरखेड़ा ने शिक्षा के साथ आत्मनिर्भरता की सीख देने के लिए एक अनूठी पहल की है. यहां स्कूल परिसर में किचन गार्डन तैयार कर जैविक विधि से सब्जियां उगाई जा रही हैं और इन्हें मिड-डे मील में परोसा जा रहा है. इस पहल का उद्देश्य बच्चों को स्वस्थ आहार प्रदान करना और उन्हें जैविक खेती की शिक्षा देना है.
बच्चों को सिखाई जा रही जैविक खेती की विधियां स्कूल के शिक्षक हेमराज मीणा ने बताया कि किचन गार्डन लगाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को यह सिखाना है कि घर में उपलब्ध थोड़ी-सी जमीन पर भी जैविक खेती संभव है. 2023-24 से शुरू हुई इस पहल के तहत मूली, गाजर, मैथी, कस्तूरी मैथी, पालक, चकुंदर और हरा धनिया जैसी ताजी सब्जियां उगाई जा रही हैं.
रासायनिक खाद के बिना तैयार हो रही हैं जैविक सब्जियां किचन गार्डन में किसी भी प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का उपयोग नहीं किया जा रहा है. यहां देसी खाद का ही इस्तेमाल किया जाता है, जिससे बच्चों को स्वस्थ और पोषण युक्त आहार मिल रहा है. इस पहल के चलते बच्चों को न केवल पौष्टिक भोजन मिल रहा है, बल्कि वे खेती की प्राकृतिक विधियों से भी परिचित हो रहे हैं.
स्कूल में हर महीने 2000 रुपए की बचत पहले स्कूल प्रशासन को मिड-डे मील के लिए हर महीने लगभग 2,000 रुपए की सब्जियां खरीदनी पड़ती थीं, लेकिन अब स्कूल के किचन गार्डन से ही ताजा सब्जियां उपलब्ध हो रही हैं. हर छह दिन में एक बार हरी सब्जियां तोड़ी जाती हैं और मिड-डे मील में उपयोग की जाती हैं. विद्यालय की सब्जी को विद्यार्थी भी स्वाद लेकर खाते हैं और बच्चों का कहना है कि सब्जी बहुत ही स्वादिष्ट बनती है.
शिक्षकों और बच्चों की मेहनत से तैयार हुआ किचन गार्डन इस स्कूल में कुल 302 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं, जिनमें से कक्षा 1 से 8 तक के 129 बच्चों को जैविक सब्जियां पोषण आहार में दी जाती हैं. स्कूल में 14 शिक्षक और अन्य स्टाफ मिलकर इस किचन गार्डन की देखभाल करते हैं. स्कूल की वार्षिक छुट्टियों में 31 छात्र और शिक्षक मिलकर किचन गार्डन में काम करते हैं, जिससे बच्चों को खेती के व्यावहारिक ज्ञान के साथ-साथ श्रम का महत्व भी समझ में आता है.
बच्चे शिक्षा में भी काफी आगे इस स्कूल के बच्चे न केवल कृषि कार्यों में निपुण हो रहे हैं, बल्कि पढ़ाई में भी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. कक्षा 12वीं के 24 विद्यार्थियों में से 23 ने राजनीति विज्ञान और भूगोल में 99% अंक प्राप्त किए हैं. अन्य कक्षाओं में भी बच्चे पढ़ाई के लिए हमेशा आतुर रहते हैं और पढ़ाई में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं छोड़ते हैं. यहां के शिक्षकों का कहना है कि विद्यालय में बच्चे आने के बाद हमेशा पढ़ाई करते दिखाई देते हैं.
अन्य सरकारी स्कूलों के लिए प्रेरणा बना यह मॉडल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बाणे का बरखेड़ा की ओर से किया गया. यह प्रयोग अन्य सरकारी स्कूलों के लिए भी एक प्रेरणादायक मॉडल बन सकता है. इससे न केवल मिड-डे मील की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है, बल्कि बच्चों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी बढ़ाया जा रहा है. यह पहल यह साबित करती है कि यदि सही दिशा में प्रयास किए जाएं, तो शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को आत्मनिर्भर भी बनाया जा सकता है. यह स्कूल अब अन्य सरकारी स्कूलों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बन चुका है.
Location :
Dausa,Rajasthan
First Published :
March 02, 2025, 15:40 IST
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जैविक खेती कर सब्जी उगाते हैं बच्चे, Mid Day Meal मे होती है उपयोग