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कलबुर्गी ऑनर किलिंग केस में दो भाइयों को मौत की सजा, पांच को उम्रकैद.

Last Updated:October 11, 2025, 03:47 IST

Karnataka Crime News: कर्नाटक के विजयपुरा में ऑनर किलिंग केस में कलबुर्गी हाईकोर्ट ने दो भाइयों को फांसी की सजा सुनाई गई. वहीं उसी परिवार के पांच लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई, गर्भवती बहन को जिंदा जलाया गया था.

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2 भाईजान को फांसी, एक ही परिवार के 5 लोगों को उम्रकैद! क्या है ये मामलाकलबुर्गी हाईकोर्ट ने ऑनर किलिंग केस में दो भाइयों को फांसी और पांच लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई. (फाइल फोटो)

न्यूज 18 कन्नड़तकलबुर्गी (कर्नाटक): एक ही परिवार के 7 लोगों को कड़ी सजा सुनाने वाली एक घटना सामने आई है. यह घटना इंसानियत को भी शर्मसार करने वाली है. इस केस में दो भाइयों को मौत की सजा दी गई है, जबकि उसी परिवार के पांच अन्य लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. यह फैसला कर्नाटक के कलबुर्गी उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने 18 साल पुराने ऑनर किलिंग केस में सुनाया है. कहानी ऐसी है कि पढ़कर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे.

इस फैसले ने पूरे कर्नाटक में हलचल मचा दी है. क्योंकि यह मामला एक गर्भवती महिला की निर्मम हत्या से जुड़ा है. महिका की हत्या सिर्फ इसलिए क्योंकि उसने जाति की सीमाएं तोड़कर अपने प्रेमी से शादी कर ली थी. अदालत ने कहा कि यह हत्या “मानवता और सभ्यता के खिलाफ सबसे क्रूर अपराधों में से एक” है.

भाईयों ने गर्भवती बहन को जिंदा जलायामामला साल 2007 का है, जब विजयपुरा जिले के मुद्देबिहाल तालुका के गुंडकनाल गांव में 31 वर्षीय इब्राहिम साब और उसके भाई अकबर (28) ने अपनी बहन बानू बेगम को जिंदा जला दिया. बानू ने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर एक दलित युवक सायबन्ना से शादी की थी. जब यह वारदात हुई, तब बानू नौ महीने की गर्भवती थीं. बसवनबागेवाड़ी पुलिस की जांच में सामने आया कि दोनों भाइयों ने “परिवार की इज्जत बचाने” के नाम पर यह खौफनाक कदम उठाया था.

हाईकोर्ट ने बरकरार रखी सजाविजयपुरा जिला न्यायालय ने पहले ही दोनों भाइयों को फांसी की सजा सुनाई थी. जबकि उनकी मां रमजान बी, और परिवार की चार अन्य महिलाएं डोभाल बी मालुरु, अस्मा, जलानी और दावल बी को आजीवन कारावास की सजा दी थी. इन दोषियों ने इस फैसले के खिलाफ कलबुर्गी उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी. लेकिन अब न्यायमूर्ति एच.पी. संदेश और न्यायमूर्ति टी.एम. नदाफ की खंडपीठ ने जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यह अपराध “सिर्फ कानून के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज की आत्मा पर भी चोट है.”

सरकार की ओर से मजबूत पैरवीराज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक सिद्धलिंगा पाटिल ने तर्क रखते हुए कहा कि दोषियों ने न केवल एक निर्दोष महिला की जान ली, बल्कि उसके अजन्मे बच्चे को भी मार डाला. अदालत ने अभियोजन की दलीलों से सहमति जताते हुए कहा कि “ऐसे अपराधों के लिए नरमी दिखाना समाज के लिए घातक होगा.”

ऑनर किलिंग पर सख्त रुखयह फैसला ऑनर किलिंग जैसे अपराधों पर न्यायपालिका के सख्त रुख को दर्शाता है. अदालत ने साफ किया कि “सम्मान के नाम पर हत्या” किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है. इस केस ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या समाज अब भी जाति और मान-मर्यादा के नाम पर इंसानियत को कुचलने से बाज आएगा?

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, …और पढ़ें

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, … और पढ़ें

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October 11, 2025, 03:45 IST

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2 भाईजान को फांसी, एक ही परिवार के 5 लोगों को उम्रकैद! क्या है ये मामला

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