राजस्थान में पारा सातवें आसमान पर, इंसान के साथ पशु भी बेहाल, पशुओं को बचाने के लिए करें ये उपाय

भरतपुर. गर्मी में सब परेशान हैं. इंसान तो इससे बचने के लिए उपाय कर लेता है लेकिन बेजुबान पशु क्या करें. ऐसे भीषण हालात में पशुओं खासकर गायों को बचाने के लिए एडवायजरी जारी की गयी है. ताकि गौवंश को तेज तापघात से बचाया जा सके.
तापघात के बाद गौवंश को तेज बुखार हो सकता है. इसके लक्षण ये हैं कि वो मुंह से जोर जोर से सांस लेगा. हांफेगा, मुंह से लार गिरेगी, गौवंश की कार्यशीलता कम होना, बैचेनी, भूख में कमी और पानी अधिक पीना. पेशाब कम होना अथवा बंद हो जाना, धड़कन तेज होना,कभी कभी आफरे की शिकायत आदि लक्षण पाये जाते हैं.
तापघात से बचाने के उपाय-गौवंश को सूर्य की सीधी किरणों से दूर रखें.– धूप और लू से बचाव के लिए हवादार छप्पर या छायादार वृक्ष के नीचे रखें.-गौवंश गृह को ठण्डा रखने के लिए दीवारों के ऊपर जूट के टाट लटकाकर उस पर थोड़ी थोड़ी देर में पानी का छिड़काव करना चाहिए, ताकि बाहर से आने वाली हवा में ठंडक बनी रहे.– पंखे या कूलर का यथा संभव उपयोग करें.– गौवंश में पानी, लवण की कमी होने एवं भोजन में अरूचि होने पर दिन में कम से कम चार बार स्वच्छ जल गौवंश को उपलब्ध कराएं.-गौवंश को संतुलित आहार के साथ साथ उचित मात्रा में खनिज मिश्रण भी देना चाहिए.-गाय को चराई के लिए सुबह जल्दी और देर शाम ले जाएं.-आहार में संतुलन के लिए एंजौला घास का प्रयोग किया जा सकता है. साथ ही गेंहू का चौकर और जौ की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए जिससे पशु को राहत मिले.
राजस्थान में पारा सातवें आसमान परपूरे देश सहित राजस्थान में भी गर्मी शबाब पर है. यहां मंगलवार को चुरू का पारा पूरे देश में सबसे ज्यादा रहा. यहां का अधिकतम तापमान 50 डिग्री पार कर गया. प्रदेश के बाकी शहर भी 45 डिग्री से ऊपर गर्मी में धधक रहे हैं. झुलसा देने वाली गर्मी इंसान और पशुओं दोनों को परेशान किए हुए है.
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FIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 19:19 IST