Rajasthan

हैरत अंगेज Video, भैंसो का कुछ नहीं बिगाड़ पाया मगरमच्छों का झुंड, आंखों में आंखें डाल नदी की पार

शक्ति सिंह/कोटा. मगरमच्छ पानी की दुनिया का सबसे खतरनाक शिकारी है, जिसके जबड़ों से बचकर निकल पाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है. इस वजह से ज्यादातर जानवर अपनी जान बचाने के लिए मगरमच्छ से दूर ही रहते हैं. मगरमच्छ का जबड़ा इतना मजबूत होता है कि किसी की तुरंत जान लेने के लिए काफी है. मगरमच्छ के खूंखार जबड़े किसी भी जानवर को निगल लेना उनके लिए बेहद आसान है. इसीलिए कोई भी जानवर नदी में उतरने से बचता है. उतरना तो छोड़िए इसमें पानी पीने से भी जानवर कतराते हैं. लेकिन कोटा के चंद्रलोई नदी के वीडियो को देखकर आप हैरत में पड़ जाएंगे. इस हैरान करने वाले वीडियो में दिख रहा है कि नदी को पार कर रहा भैंस का झुंड, जहां एक भी मगरमच्छ इन भैंसों पर हमला नहीं करता है.

नेचर प्रमोटर ए एच जैदी ने बताया कि कोटा से 10 किलो मीटर दूर चन्द्रेसल मन्दिर के पास से बह रही चंद्रलोई नदी में इन दिनों मगरमच्छों की अच्छी संख्या देखी जा रही है. हमारी टीम के शेख जुनैद, डॉ गजानन्द ने देखा कि 3 दर्जन मगरमच्छों के बीच निकल कर ये मवेशी अपने घर की ओर आ रहे हैं, और मगरमच्छ इन मवेशियों पर हमला नहीं करते. 50 मीटर के एरिया में काफी संख्या में मगरमच्छ है. इस नदी में मछलियों की भी अच्छी संख्या है. यहां से चंद्रलोई में ये नाला मिलता है और ये नदी मानस गांव में जाकर चंबल नदी में मिल जाती है. चंद्रलोई नदी के दोनों किनारों पर ओर बीच मे चट्टानों पर सैंकड़ो की संख्या में मगरमच्छों को धूप सेकते देखा जा सकता है. बोरखण्डी, हाथीखेड़ा, जगगन्नाथपूरा, अर्जुनपुरा, चन्द्रेसल, राजनगर इलाकों में मगरमच्छों की अच्छी संख्या है.

कोई जानवर नहीं आता पास

जैदी ने बताया कि अक्टूबर से लेकर मार्च अप्रैल तक लगभग सरीसृप प्रजाति के जीव निष्क्रिय अवस्था में रहते हैं. इस समय यह भोजन नहीं करते हैं. यह जीव अपना तापमान सामान्य नहीं रख पाते इस वजह से दिनभर इन जीवों को पानी के किनारे धूप सेकते हुए देखा जा सकता है. अक्टूबर से जनवरी-फरवरी मगरमच्छों का प्रजनन काल होता है. मार्च, अप्रैल तक मादाएं नदी किनारे घोसला बनाकर अण्डे दे देती है, और जून जुलाई में बच्चे बाहर आ जाते हैं. अधिकतर मगरमच्छ जब भी हमला करता है. वह मार्च के महीने के बाद होता है. क्योंकि उस समय मादाएं अंडे और घोसलों की रक्षा करती है. अगर कोई भी जानवर उनके पास पहुंचता है तो वह हमला कर देती है.

Tags: Kota news, Local18, Rajasthan news, Wild life

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj