राजस्थान की धार्मिक नगरी में उल्टा है पतंगबाजी का रिवाज, रक्षाबंधन के त्योहार पर होती है पतंगबाजी-In the religious city of Rajasthan, the tradition of kite flying is the opposite, kite flying is done in full swing on the festival of brother and sister..

करौली. रक्षाबंधन का पर्व नजदीक आते ही करौली में खाली पड़ी चरखियों में डोर भरना शुरू हो जाता है. देशभर में जहां पतंगबाजी मकर संक्रांति के मौके पर की जाती है तो वहीं राजस्थान के करौली में रक्षाबंधन वाले दिन सुबह से शाम तक जमकर पतंगबाजी की जाती है. पतंगबाजी का रिवाज करौली में एकदम उल्टा है. यहां पर राखी के त्यौहार से लेकर जन्माष्टमी तक लगातार पतंगबाजी का उत्साह पूरी तरह से चरम पर रहता है. परंपरा अनुसार करौली में यही वे दो त्योहार है. जिनके अवसर पर यहां के लोग पतंगबाजी के शौक को पूरा करते हैं.
पतंगबाजी की प्राचीन परंपरा होने के कारण करौली में रक्षाबंधन के अवसर पर बाजार दो ही चीजों से गुलजार नजर आते हैं. एक तो राखीयों से और दूसरा पतंग – मांझों की दुकानों से. रक्षाबंधन के नजदीक आते ही करौली के बाजार पतंग मांझें से पुरी तरह सज जाते हैं. यहां के लोगों में पतंगबाजी का शौक भी देखते ही बनता है. करौली में ना केवल बच्चें बल्कि हर उम्र के लोग पतंगबाजी की दीवाने हैं. यहां महिलाओं में भी पतंगबाजी का क्रेज देखने को मिलता हैं.
रक्षाबंधन पर पतंगबाजी की परंपरा करौली में राजाशाही जमाने की खास परंपराओं में से एक है. जो सैकड़ों वर्षों से यहां पर चली आ रही है. रक्षाबंधन के दिन सुबह से ही यहां के लोग घर की छतों पर चढ़ जाते हैं और जमकर पतंगबाजी का लुत्फ उठाते हैं. यहां बहन-भाई भी रक्षाबंधन की परंपरा को निभाने के बाद एक-साथ जमकर पतंगबाजी करते हुए नजर आते हैं.
पतंग व्यापारी हाफिज खान बताते हैं कि करौली में रक्षाबंधन के मौके पर पतंगबाजी का बहुत तगड़ा क्रेज रहता है. जिसकी वजह से रक्षाबंधन से करीब एक डेढ़ महीने पहले ही पतंगों की दुकानों पर पतंग का बनना शुरू हो जाता है. इस त्यौहार पर होने वाली पतंगबाजी के लिए दूर-दराज से खास प्रकार के पतंग – मांझें आते हैं. यहां खासतौर से यहां बरेली, जयपुर और कानपुर तक से कई प्रकार के मांझे आते हैं. और दर्जनों तरह की पतंग भी आती हैं. यहां के कई परिवार भी ऐसे हैं. जो राजाशाही जमाने से ही पतंग बनाते आ रहे हैं.
पतंगबाजी के लिए रक्षाबंधन का रहता है इंतजारबाजारों में पतंग खरीदने आए बच्चों से लोकल 18 ने बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें पतंगबाजी के लिए रक्षाबंधन का इंतजार रहता है. बच्चों का कहना है कि यहां पर राखी के त्यौहार पर ही वें पतंगबाजी करते हैं.
बहुत अच्छा हैं यहां के लोगों में पतंगबाजी का शौकपतंग व्यापारियों का कहना कि रक्षाबंधन पर पतंगबाजी की पुरानी परंपरा होने के कारण करौली में पतंगबाजी का बहुत अच्छा शौक है. यहां के हर में आज भी पतंगबाजी का शौक बरकरार रक्षाबंधन के दिन यहां जमकर पतंगबाजी की जाती है.
दिनभर गूंजती है वो काटा – वो काटा की आवाजस्थानीय निवासी देवेश शर्मा का कहना कि रक्षाबंधन के दिन यहां लोग सुबह से लेकर शाम तक पतंग उड़ाते हैं. पतंगबाजी के कारण रक्षाबंधन के दिन करौली में माहौल भी एकदम अलग रहता है. सभी लोग घरों की छतों पर नजर आते हैं और डीजे बजाकर छतु पर पूरे दिन पतंगबाजी का मजा लेते हैं और वो काटा – वो काटा की आवाज के नारे भी खूब लगते हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 19, 2024, 18:39 IST