Rajasthan

In this season the crop needs special care, follow these rules given by the agriculture officer, full guarantee of improved yield

काजल मनोहर/जयपुर. राजस्थान में लगातार बारिश हो रही है. इससे फसलों में खरपतवार बढ़ रहा है. यदि समय पर इसका निवारण नहीं किया गया तो मौसम जनित अनुकूलता के चलते फसलों में कीट-व्याधि का प्रकोप हो सकता है. ऐसे में मौसम को ध्यान में रखते हुए खरपतवार नियंत्रण और मिट्टी में उचित वायु संचार के लिए बोया गया बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार और तिल की फसलों की निराई-गुड़ाई करने की जरूरत है.

सहकारी विभाग अधिकारी बजरंगबली मनोहर ने बताया कि बारिश के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए अभी किसी प्रकार का छिड़काव नहीं करें. इसके अलावा खड़ी फसलों व सब्जी नर्सरियों में उचित प्रबंधन रखें. दलहनी फसलों और सब्जी नर्सरियों में जल निकास की उचित व्यवस्था करें. कीटों की रोकथाम के लिए प्रकाश प्रपंच (लाइट ट्रैप) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

प्रकाश प्रपंच का प्रयोग ऐसे करेंएक प्लास्टिक के टब या किसी बड़े बर्तन में पानी और थोड़ा कीटनाशक मिलाकर एक बल्ब जलाकर रात में खेत के बीच में रख दें. प्रकाश से कीट आकर्षित होकर उसी घोल पर गिरकर खत्म हो जाएंगे. इस प्रपंच से अनेक प्रकार के हानिकारक कीटों पर नियंत्रण होगा.

पत्तियों में पीलेपन की बीमारी को करें दूरमूंगफली में पत्तियों में पीलापन एक गंभीर बीमारी है इसके नियंत्रण के लिए 0.1% सल्फ्यूरिक एसिड या 0.5% फेरस सल्फेट (हाराकासिस) का छिड़काव आसमान साफ होने पर करें. साथ ही इस फसल में टिक्का रोग के कारण पौधों की पत्तियों पर गहरे भूरे-काले धब्बे पड़ जाते हैं. इस रोग की रोकथाम के लिए रोग प्रकट होते ही आधा ग्राम प्रति लीटर पानी प्रति हेक्टेयर की दर से कार्बेंडाजिम का छिड़काव करें.

अच्छी पैदावार के लिए इन बीजों का करें उपयोगइस मौसम में आप ग्वार की पूसा नवबहार, दुर्गा बहार, मूली की पूसा चेतकी, लोबिया की पूसा कोमल, भिंडी की पूसा ए-4, सेम की पूसा सेम 2, पूसा सेम 3, पालक की पूसा भारती, चौलाई की पूसा लाल चौलाई, पूसा किरण आदि फसलों की बुवाई के लिए खेत तैयार हो तो बुवाई ऊंची मेड़ों पर कर सकते हैं. बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें.

ग्रसित पौधे नष्ट करेंमिर्च के खेत में विषाणु रोग से ग्रसित पौधों को उखाड़कर जमीन में गाड़ दें. प्रकोप अधिक हो तो इमिडाक्लोप्रिड 0.3 मिली प्रति लीटर की दर से छिड़काव आसमान साफ होने पर करें. कद्दू वर्गीय एवं अन्य सब्जियों में मधुमक्खियों का बड़ा योगदान रहता है क्योंकि वे परागण में सहायता करती हैं इसलिए जितना संभव हो मधुमक्खियों के पालन को बढ़ावा दें. कद्दूवर्गीय सब्जियों में फल मक्खी से प्रभावित फलों को तोड़कर गहरे गड्ढे में दबा दें.

Tags: Agriculture, Jaipur news, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 16:21 IST

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