शादी के डेढ़ साल बाद दूल्हों से मिलीं दुल्हनें, फिर 13 दिन में खुशियां हुईं चूर, आतंकवादी बने प्यार में रोड़ा

जैसलमेर (सांवलदान रतनू): कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का असर भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर पड़ा है. भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि स्थगित करने के साथ ही अटारी-वाघा बॉर्डर को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया है. यह चेकपोस्ट बंद करने से राजस्थान के जैसलमेर में 13 दिन पहले पाकिस्तान से आईं 2 दुल्हनों पर दुखों का पहाड़ टूट गया है. अभी दुल्हनों के हाथों में लगी मेहंदी का रंग छूटा तक नहीं था कि उनको पीहर भेजने का आदेश आ गया. इसके बाद घर में खुशियों की जगह मायूसी का माहौल है. सीआईडी, बीआई, एएसपी विक्रमसिंह ने बताया कि उच्चधिकारी से दोनों दुल्हनो के लिए मार्गदर्शन मांगा है. मार्गदर्शन आने के बाद तय होगा कि दुल्हन यहां रह सकेंगी या नहीं.
13 दिन की खुशियां चकनाचूरभारत सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़कर स्वदेश (पाकिस्तान) जाने के आदेश दिए हैं. इस आदेश के बाद पाकिस्तान के सिंध से 13 दिन पहले अपने ससुराल जैसलमेर आईं दो दुल्हनों के सपने चकनाचूर हो गए. एक दुल्हन के पति की तो तबीयत ही बिगड़ गई. उसका जोधपुर में इलाज चल रहा है.
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यह है पूरा मामलाजैसलमेर के देवीकोट के रहने वाले शाले मोहम्मद और मुश्ताक अली (चचेरे भाई) जुलाई, 2023 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी जिले में अपनी बुआ से मिलने गए थे. वहां उनको करम खातून (21) और सचुल (22) नामक युवतियों से प्यार हो गया. परिवारों की रजामंदी के बाद दोनों का निकाह अगस्त 2023 में करवा दिया गया. निकाह के बाद दोनों दुल्हनों को भारत का वीजा नहीं मिल सका. इस बीच दोनों दूल्हे अपनी दुल्हनों को छोड़कर सितंबर 2023 में भारत लौट आए और वीजा मिलने पर दुल्हनों के ससुराल आने का इंतजार करने लगे.
करीब डेढ़ साल के इंतजार के बाद दोनों दुल्हनों को आखिरकार 13 अप्रैल 2025 में भारत सरकार ने वीजा जारी किया. दोनों 13 अप्रैल को जैसलमेर आईं और परिवार के साथ रहने लगीं. 10 दिन बाद (22 अप्रैल) ही पहलगाम में आतंकी हमला हो गया. इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश जारी कर दिया.
क्या बोले ससुर?दुल्हन के ससुर हाजी अब्दुल्ला ने बताया कि दोनों दुल्हनों के भारत आने के बाद उन्होंने लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) अप्लाई कर दिया था, लेकिन सरकार का आदेश आने के बाद से पुलिस प्रशासन उन पर दबाव डाल रहा है कि दोनों को वापस पाकिस्तान भेजें. अब ऐसे हालात में ये दोनों कैसे पाकिस्तान जाएगी. वहां से जाने के बाद रास्ते बंद हो जाएंगे तो परिवार ही उजड़ जाएगा. उन्होंने भारत सरकार से परिवार को बसाने की गुजारिश की है.
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पाकिस्तान भेजने की जानकारी मिलते ही दोनों दुल्हनें मायूस हो गईं. दोनों का कहना है कि वे मर जाएंगी, लेकिन अपने पति और परिवार को छोड़कर वापस पाकिस्तान नहीं जाएंगी. उधर, भारत सरकार के आदेश के बाद दूल्हे मुश्ताक की तबीयत बिगड़ गई, उसका जोधपुर में इलाज चल रहा है. परिवार को उम्मीद है कि भारत सरकार उनके दर्द को समझेगी और परिवार को उजड़ने से बचा लेगी.
पाकिस्तान भेजने को नहीं राजीकरम खातून के ससुर अब्दुल्लाह ने बताया कि करम खातून की मां की मौत हो चुकी है. उसके पिता ने ही पाला और शादी के बाद पिता भी अरब में काम करने चले गए. ऐसे में हम करम खातून को किसके भरोसे वापस पाकिस्तान भेजें. ससुर अब्दुल्लाह का कहना है कि करम खातून के पिता से संपर्क ही नहीं हो पा रहा है. वहां कोई नहीं है, जो इसे रख सके. इस कारण वे बहू को अकेले पाकिस्तान नहीं भेज सकते हैं. ऐसे में सरकार से रियायत देने की अपील की है.