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जब संसद के सामने कनॉट प्‍लेस के रास्‍ते पहुंची ट्रेन, आज भी मौजूद है ट्रैक!

नई दिल्‍ली. संसद भवन के आसपास मौजूदा समय भारी ट्रैफिक रहता है. सुबह और शाम यहां जाम के हालात बन जाते हैं, लेकिन आपको यह जानकर आश्‍चर्य होगा कि किसी समय संसद भवन के सामने ट्रेन जाती थी. एक बार नहीं लगातार इसका संचालन कई वर्षां तक होता रहा. लेकिन बाद में बंद कर दिया गया . कनाट प्‍लेट के पास आज भी ट्रैक बिछा हुआ है. आइए, यहां जानें पूरी कहानी-

उत्‍तर रेलवे के मुख्‍य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार बताते हैं कि रायसीना हिल्‍स में संसद भवन, राष्‍ट्रपति भवन और नार्थ व साउथ ब्‍लाक के निर्माण में लाल और बलुआ पत्‍थरों का इस्‍तेमाल हुआ है. ये पत्‍थर राजस्‍थान से लाए गए थे. संसद का निर्माण 1921 में शुरू हुआ था. उस समय नई दिल्‍ली स्‍टेशन नहीं था. पुरानी दिल्‍ली से इन पत्‍थरों को रायसीना हिल्‍स लाया जा जाता था. इस तरह काफी समय लग रहा था.

रायसीना हिल्‍स में संसद भवन, राष्‍ट्रपति भवन और नार्थ व साउथ ब्‍लाक के निर्माण में इस्‍तेमाल लाल और बलुआ पत्‍थरों की ढुलाई होती थी.

तत्‍कालीन अधिकारियों ने ट्रेन से पत्‍थरों को रायसीना हिल्‍स पहुंचाने का फैसला किया. इसके लिए सदर बाजार से (पुरानी दिल्‍ली की ट्रेनें यहीं से गुजरती थीं) रायसीना हिल्‍स तक रेलवे ट्रैक बिछाया गया.

यह ट्रैक मौजूदा नई( दिल्‍ली स्‍टेशन, कनाट प्‍लेस होते हुए संसद भवन के सामने तक बनाया गया. ट्रेन संसद भवन के सामने तक जाती थी, वहां से वापस लौट आती थी. निर्माण कार्य के बाद इस ट्रैक को हटाने का फैसला लिया गया. क्‍योंकि यह ट्रैक कनाट प्‍लेस होकर जाता था. उस समय कनाट प्‍लेस नहीं बना था.

नई दिल्‍ली स्‍टेशन से एक ट्रैक इस्‍टेट एंट्री रोड की ओर जा रहा है और कनाट प्‍लेट के बाहरी सर्कल से पहले तक है. उत्‍तर रेलवे के जनसंपर्क कार्यालय के ठीक बगल में यह रेलवे ट्रैक देखा जा सकता है. यहां तक कई इंजन आते हैं और कनाट प्‍लेस की बाहरी दीवार से लौट जाते हैं.

Tags: Indian railway, Indian Railway news

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