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Independence Day 2024: 5 नॉन फिल्मी देशभक्ति गीत, जो भर देते हैं जोश, बढ़ा देते हैं देश के लिए मोहब्बत

नई दिल्ली. देश आज 78वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न में मना रहा है. हमारी आजादी के गौरवशाली 78 सालों के जश्न में संगीत आज भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. ‘चक दे ​​इंडिया’ और ‘मेरे देश की धरती’ जैसे गीत हमारे रगों में जोश भर देते हैं. तो वहीं, जब बात प्रसिद्ध देशभक्ति गीतों की आती है तो हम ‘कर चले हम फिदा’ और ‘ऐ मेरे प्यारे वतन’ जैसे गीतों पर अपने आंसू नहीं रोक पाते. आज आपको वो प्रसिद्ध गीत याद दिलाते हैं, जो किसी फिल्म का हिस्सा नहीं रहे, लेकिन सदाबहार देशभक्ति गीत बन गए.

‘सारे जहां से अच्छा’महान कवि इकबाल ने अपनी कविता ‘सारे जहां से अच्छा’ में अखंड हिंदुस्तान का वर्णन किया है, जिसमें बांग्लादेश, पाकिस्तान और आधुनिक भारत शामिल हैं. 16 अगस्त, 1904 को प्रकाशित हुई इस कविता के 43 साल बाद ठीक एक दिन पहले नए स्वतंत्र राष्ट्र का जन्म हुआ. इस गाने को लता मंगेशकर ने गाया था और पंडित रविशंकर ने संगीतबद्ध किया था.

‘वंदे मातरम्’बंकिम चंद्र ने इस गीत की रचना 1875 में की थी और तब से, इसका कई तरीकों से अनुवाद और पुनर्व्याख्या की गई. भारत की 50वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ पर, एआर रहमान ने गाने को बीट्स-इन्फ्यूज्ड मेकओवर देने का फैसला किया और भारत के वर्तमान युग को प्रतिबिंबित करने के लिए ट्रैक को अपडेट किया.

‘कदम कदम बढ़ाये जा’सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित भारतीय राष्ट्रीय सेना, इस गीत को अपने रेजिमेंटल त्वरित मार्च के रूप में उपयोग करती है. इसके बोल लखीमपुर खीरी के अवधी कवि और स्वतंत्रता सेनानी वंशीधर शुक्ल ने लिखे थे. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इस गीत को देशद्रोह के आरोप के कारण भारत में गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था. फिर अगस्त 1947 में प्रतिबंध हटाया गया और अब इसे भारत में देशभक्ति गीत के रूप में मान्यता प्राप्त है.

‘ऐ मेरे वतन के लोगों’इस गीत को पहली बार लता मंगेशकर ने भारत-चीन युद्ध समाप्त होने के दो महीने बाद 27 जनवरी, 1963 को प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के सामने रामलीला मैदान में प्रस्तुत किया था. यह गीत, जो संघर्ष में अपनी जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों का सम्मान करता है, कवि प्रदीप द्वारा लिखा गया था और सी रामचन्द्र द्वारा संगीतबद्ध किया गया था.

‘मां तुझे सलाम’यह देशभक्ति गीत, जो इस लिस्ट का हिस्सा है. ये एल्बम ‘वंदे मातरम’ का हिस्सा है. महबूब और एआर रहमान द्वारा लिखित और गाया गया, मातृभूमि को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था. ये एल्बन साल 1997 में आई और फिर जल्द ही भारतीय इतिहास में सबसे ज्यादा बिकने वाला गैर-फिल्मी एल्बम बन गई.

इस खास दिन पर देशभक्ति से भरे ये गीत राष्ट्रीय पर्व में चार चांद लगा देते हैं. ये कहना गल नहीं होगा कि हर किसी का दिन इन गानों को सुनकर देशभक्ति के जज्बे से भर जाता है.

Tags: Entertainment news., Independence day

FIRST PUBLISHED : August 15, 2024, 07:39 IST

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