India Australia Defence Deal Spy Drone System And Other Military Cooperation | ड्रोन, डेटा और डिफेंस… भारत-ऑस्ट्रेलिया में नई डिफेंस डील, मिलकर बनाएंगे घातक ड्रोन सिस्टम

Last Updated:October 31, 2025, 22:37 IST
India Australia Defence Deal: भारत और ऑस्ट्रेलिया ने नई डिफेंस डील के तहत घातक ड्रोन सिस्टम और आतंकवाद विरोधी रणनीति पर सहमति जताई. दोनों देश अब डेटा, टेक्नोलॉजी और रियल-टाइम इंटेलिजेंस के जरिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में संयुक्त सुरक्षा मजबूत करेंगे.
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्मी-टू-आर्मी बातचीत. (Photo : ADGPI/X)
नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. कैनबरा में आयोजित ‘आर्मी-टू-आर्मी स्टाफ टॉक्स’ में दोनों देशों ने जल, थल और वायु संचालन के साथ-साथ मानव रहित ड्रोन सिस्टम यानी Unmanned Aircraft Systems (UAS) के संयुक्त विकास पर सहमति जताई है. इसके अलावा आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटने के लिए भी नई रणनीति तय की गई. दोनों देशों ने माना कि उभरती टेक्नोलॉजी और डेटा सिस्टम अब डिफेंस और सुरक्षा में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं.
कैनबरा में 29 से 31 अक्टूबर तक चली वार्ता में भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधियों ने मिलकर अगली पीढ़ी के ड्रोन, निगरानी तकनीक और मैरिटाइम सिक्योरिटी नेटवर्क पर चर्चा की. भारतीय सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दोनों देशों के बीच ‘मानव रहित विमान प्रणालियों’ में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है, जिससे जटिल और खतरनाक मिशनों में भी बिना मानव जोखिम के ऑपरेशन संभव होंगे. ऑस्ट्रेलिया ने भारत की मेक इन इंडिया डिफेंस इनिशिएटिव में भागीदारी की इच्छा जताई है, ताकि दोनों देश मिलकर स्वदेशी टेक्नोलॉजी से घातक ड्रोन सिस्टम तैयार कर सकें.
आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ साझा रणनीति
सिर्फ रक्षा ही नहीं, बल्कि सुरक्षा मोर्चे पर भी भारत और ऑस्ट्रेलिया ने हाथ मिलाया है. कैनबरा में ही दोनों देशों के बीच आतंकवाद निरोध पर 15वीं संयुक्त कार्य समूह (JWG) की बैठक संपन्न हुई. इसमें उभरते आतंकी खतरों, ऑनलाइन कट्टरपंथ, और आतंकवादी नेटवर्क में नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर विस्तार से चर्चा की गई.
India–Australia Army-to-Army Staff Talks
India-Australia Army-to-Army Staff Talks were held in Canberra from 29-31 October 2025.
The deliberations focused on the growing Army-to-Army cooperation, explored new domains of cooperation in Amphibious Operations and Unmanned… pic.twitter.com/ATErlVY2kt



