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LAC से बैरक में लौटेंगी भारत-चीन की सेनाएं, राजनाथ सिंह के साथ चीनी डिफेंस मिन‍िस्‍टर ने की बात

LAC India China: कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर दुनिया की नजर रही. और सबसे ज्‍यादा सुर्खियों में रही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक. इसमें साढ़े चार साल से भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को खत्म करने का फैसला हुआ. डेमचोक और डेपसांग में पेट्रोलिंग शुरू हो गई. दोनों देश इससे भी आगे बढ़ते हुए अब LAC के बफर जोन पर चर्चा कर रहे हैं. साथ ही, डी-एस्‍केलेशन यानी सैनिकों के जमावड़े को कम करने को लेकर बातचीत शुरू करने के संकेत दिए जा रहे हैं.

आसियान देशों के रक्षामंत्री की बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षामंत्री एडमिरल डांग जुन के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई है. कजान में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक के बाद से यह दूसरा मौका है जब दोनों देशों के टॉप लीडर, जिसमें पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की बैठक तो अब दोनों देशों के रक्षामंत्रियों के बीच बैठक हुई. 50 मिनट तक चली इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिसएंगेजमट के बाद अब डी-एस्‍केलेशन की तरफ बढ़ने की बात कही .

क्या कहा LAC विवाद पर रक्षा मंत्री नेबैठक के बाद रक्षा मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी किया गया, जिसमें रक्षा मंत्री की चीनी रक्षा मंत्री के साथ क्‍या बात हुई, उसके बारे में बताया गया. राजनाथ सिंह ने संघर्ष के बजाय सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर द‍िया, साथ ही दो पक्षों के बीच ज्यादा ट्रस्ट और कांफिडेंस बिल्डिंग के लिए de-escalation पर जोर दिया. राजनाथ सिंह ने 2020 के दुर्भाग्यपूर्ण सीमा विवादों से मिली सीख पर विचार करने और ऐसी घटनाएं दोबारा ना होंं, इसे रोकने और भारत-चीन सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए कदम उठाने की बात की. ये दोनों रक्षा मंत्रियों की पहली बैठक थी, जो हाल ही में हुए डिसएंगेजमट समझौतों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ब्रिक्स समिट के दौरान की मुलाकात के बाद हुई.

मिलकर काम करने पर सहमत‍ि

रक्षा मंत्री ने इस बात को भी प्रमुखता से उठाया कि भारत और चीन, जो दुनिया के दो सबसे बड़े देश हैं, उनके बीच अच्छे संबंधों से वैश्विक शांति और समृद्धि पर सकारात्मक असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि चूंकि दोनों देश एक-दूसरे के पड़ोसी हैं और आगे भी रहेंगे, इसलिए हमें संघर्ष के बजाय सहयोग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. दोनों पक्षों ने आपसी विश्वास और समझ को फिर से मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की.

LAC पर तनाव कम करने के तीन चरणLAC पर तनाव को कम करने के लिए तीन चरणों के तहत काम होना है. पहला है डिसएंगेजमट यानी की आमने-सामने के खतरनाक तैनाती की स्थिति से बाहर आना. दूसरा है डी-एस्‍केलेशन यानी क‍ि LAC पर सेना के जमावड़े को कम कर अपने-अपने इलाके के डेप्थ एरिया में भेजना. और तीसरा है डी इंडक्शन यानी क‍ि 2020 में तनाव के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों से LAC पर भेजी गई सैन्य टुकड़ियों को वापस भेजा जाए.  इस तीन प्रक्रिया में से एक यानी डिसएंगेजमट तो हो गया गया. अब बारी है दूसरे चरण यानी की डी-एस्‍केलेशन की.

भारतीय जेम्स बॉन्ड पर बड़ी ज‍िम्मेदारी

नेशनल सिक्‍योरिटी एडवाइजर अज‍ित डोभाल को भारत का जेम्स बॉन्‍ड कहा जाता है. LAC पर सीमा विवाद को सुलझाने की ज‍िम्मेदारी प्रधानमंत्री मोदी ने अजीत डोभाल के कंधे पर डाली है. प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग की बातचीत के बाद सीमा विवाद के हल के लिए स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव लेवल बातचीत का रास्ता खोल दिया. पीएम मोदी और शी की बैठक के बाद विदेश सचिव जब पत्रकारों से मुखातिब हुए थे, तब उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव जिसमें भारत की तरफ से एनएसए अजीत डोभाल और चीन की तरफ से उनके विदेश मंत्री वांग यी पर सीमा विवाद के हल की ज‍िम्मेदारी दी गई है. इतना ही नहीं, दोनों को जल्द मुलाकात करने के लिए कहा गया है. हालांक‍ि, अभी तक स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव बैठक को लेकर कोई तारीख का ऐलान नहीं किया गया है. लेकिन LAC पर तनाव और विवाद को पूरी तरह से खत्म करने का रास्ता खुल चुका है.

Tags: Chinese Army, LAC India China, Ladakh Indian Army

FIRST PUBLISHED : November 20, 2024, 23:48 IST

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