Rajasthan

Indian army finished terrorist from hill kaka Bowl in Poonch

पूंछ जिले के भाटा धूरियन गांव में आतंकियों के साथ चल रही मुठभेड के समाप्त होने की घोषणा कभी भी हो सकती है। 15 दिन से चल रहे इस आपरेशन में बडी संख्या में आतंकी मारे गए हैं। 2003 में इसी इलाके में हुए आपरेशन सर्पविनाश के बाद यह अब तक का सबसे बडा आपरेशन है। सर्पविनाश में 65 से अधिक पाकिस्तानी आतंकी मारे गए थे।

By: Anand

Published: 25 Oct 2021, 10:41 AM IST

—एलओसी पार कर जंगल में घुसे थे कई आतंकी
आनंद मणि त्रिपाठी
राजौरी
पूंछ जिले के भाटा धूरियन गांव में आतंकियों के साथ चल रही मुठभेड के समाप्त होने की घोषणा कभी भी हो सकती है। 15 दिन से चल रहे इस आपरेशन में बडी संख्या में आतंकी मारे गए हैं। 2003 में इसी इलाके में हुए आपरेशन सर्पविनाश के बाद यह अब तक का सबसे बडा आपरेशन है। सर्पविनाश में 65 से अधिक पाकिस्तानी आतंकी मारे गए थे। इस क्षेत्र में रह चुके कर्नल दानवीर सिंह बताते हैं कि बस चंद घंटों की बात है। पैरा,आरआर और सेना के जवान यहां सफाई में लगे हैं। यह इलाका बेहद घने जंगलों के बीच है। ऐसे में सफाई में थोडा समय तो लगता ही है।

कर्नल सिंह बताते हैं कि यह इलाका पाकिस्तानी आतंकियों की सबसे पंसदीदा जगहों में से एक है। एलओसी पारकर आतंकी सूरनकोट, दरबा, नार, पोठा अपर,थानामंडी और मेंढर सहित आसपास के इलाको में आते है। हिलकाका घाटी में दूरदराज बसे जंगलों में हाइडआउट बना छिप जाते हैं। पाक आतंकी यहीं से पहाडियों को पारकर शोपियां और अनंतनाग में जाते हैं और आतंक फैला वापस आ जाते हैं। 2003 में 7000 किलो राशन मिला था।

बर्फ से पहले बवाल
चंद दिनों में बर्फबारी शुरू हो जाएगी। इसके बाद पाकिस्तान अपने प्रशिक्षित आतंकियों को भेज नहीं पाएगा। ऐसे में कश्मीर घाटी में बवाल खडा करने का यही सबसे बेहतर समय है। दूसरा तालिबान में सत्ता आने के साथ पाकिस्तान की ताकत बढ गई और वह अब उस ताकत उपयोग एलओसी पर करने को तत्पर है।

आतंक का काकटेल
1990 के दशक में पाकिस्तान आतंकियों को प्रशिक्षित कर आतंक फैलाने के लिए भेजता था लेकिन चीनियों के साथ पाक दोस्ती अब आतंक का जबरदस्त काकटेल बनकर उभरी हैं। आतंकियों के पास से मिल रही चीनी ग्रेनेड इस बात का साफ सुबूत हैं। पाकिस्तान चीनी खुफिया एजेंसी एमएसएस चीफ चेन वेंनक्विंग की रणनीति पर चल रहा है। भारतीय सेना दोनों तरफ खींची रहे इसके लिए चीन ने एलएसी सक्रिय कर दी और पाकिस्तान ने एलओसी।

…तो इसलिए लग रहा समय
1 मुठभेड स्थल का बडा दायरा यानी योजनाबद्ध तरीके से अपने स्थल का चुनाव
2 15 दिन से चल रही मुठभेड यानी आतंकियों को मिला है युद्ध स्तरीय प्रशिक्षण
3 शहर के बजाय जंगल में मुठभेड यानी पहले से आकर बैठे थे विदेशी आतंकी
4 जंगल में कई जगहों पर मुठभेड यानी आईएसआई ने तैयार की युद्धक योजना
5 15 दिन से रही मुठभेड यानी स्थानीय स्तर पर मिला है बडा सहयोग और राशन
6 तालिबानियों के आते ही लश्कर व जैश आतंकियों का अफगानिस्तान में प्रशिक्षण











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