Indian Army NDA Story: खुद पर भरोसा और पढ़ाई से प्यार, NDA में हासिल की 84वीं रैंक, अब सेना में बनेंगे अफसर

Last Updated:April 13, 2025, 09:08 IST
Indian Army NDA Story: सेल्फ कॉन्फिडेंस और साफ नीयत के साथ सच्ची मेहनत की जाए, तो सफलता कदम चूमती है. ऐसे ही एक लड़के की कहानी है, जिन्हें IIT JEE की तैयारी करते हुए पहली बार में NDA की परीक्षा को पास करने में …और पढ़ें
Indian Army NDA Story: UPSC NDA की परीक्षा में 84वीं रैंक हासिल की हैं.
हाइलाइट्स
UPSC NDA की परीक्षा में 84वीं रैंक हासिल की.बिना विशेष तैयारी के NDA परीक्षा पास की.सेल्फ कॉन्फिडेंस और मेहनत से सफलता पाई.
Indian Army NDA Story: अगर आपके पास सेल्फ कॉन्फिडेंस है और पूरी मेहनत के साथ काम करते हैं, तो सफलता जरूरी मिलती है. आज एक ऐसे ही लड़के के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका सेल्फ कॉन्फिडेंस और मजबूत एकेडमिक सफलता की कुंजी रही है. इसके बदौलत उन्होंने UPSC NDA/NA 1 2021 परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 84 हासिल की हैं. वह पहले ही प्रयास में एसएसबी में सफलता पाए हैं. हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम संदका चक्रधारी आर्यन राज (NDA Sandaka Chakradhari Aryan Raj) है.
NDA में हासिल की 84वीं रैंकUPSC NDA की परीक्षा में 84वीं रैंक हासिल करने वाले संदका चक्रधारी आर्यन राज ओडिशा के रायगडा जिले के छोटे से शहर जयकयपुर से ताल्लुक रखते हैं. उनकी 12वीं एसएसबी बोर्ड, एससीएस बैंगलोर से हुई थी. कई लोगों को उनकी काबिलियत पर शक होने लगा, लेकिन उन्होंने इसे एक चुनौती की तरह लिया. उन्होंने मेहनत की और कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा में 95.8% अंक प्राप्त किए. यही उनके सेल्फ कॉन्फिडेंस की पहली बड़ी जीत थी.
JEE की तैयारी NDA में आया काम आर्यन राज सिविलियन बैकग्राउंड से आते हैं, लेकिन बचपन से ही उन्हें भारतीय नौसेना में शामिल होने की तीव्र इच्छा थी. विशाखापत्तनम की उनकी रेगुलर सफर ने उनकी इस प्रेरणा को और मजबूत किया. एनडीए की तैयारी के लिए उन्होंने अलग से कोचिंग नहीं ली. बल्कि विशाखापत्तनम के एक संस्थान में आईआईटी-जेईई कोचिंग लेते हुए कक्षा 11वीं और 12वीं के दौरान अपने विषयों पर पकड़ मजबूत की. उनका मानना था कि अगर मेरी नींव मजबूत होगी, तो वह एनडीए की परीक्षा में भी मदद करेगी.
बिना किसी स्पेशल तैयारी के पास की NDA की परीक्षासंदका चक्रधारी आर्यन राज ने कभी एनडीए के लिए विशेष तैयारी नहीं की, लेकिन जब पहली बार परीक्षा दी, तो पेपर देने के बाद उन्हें पूरा विश्वास था कि इसे पास कर लेंगे. लिखित परीक्षा के बाद उन्होंने ऑनलाइन सोर्सेज और अनुभवी लोगों से मार्गदर्शन लेकर एसएसबी की तैयारी शुरू की. उनकी सोच थी कि चाहे परिणाम जो भी हो, मुझे बस सीखने और अनुभव लेने जाना है. यह सोच उनके प्रदर्शन में झलक गई.
उनका यह सफर उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सशस्त्र बलों में करियर बनाना चाहते हैं लेकिन सोचते हैं कि खेलों में अच्छे न होने या सिविल बैकग्राउंड से होने के कारण वे सफल नहीं हो सकते. अगर नीयत साफ हो, मेहनत सच्ची हो और सेल्फ कॉन्फिडेंस बना रहे, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है.
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First Published :
April 13, 2025, 09:06 IST
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