Indian Made AI System That Can Detect Sarcasm In Social Media Posts – भारतीय ने बनाया सोशल मीडिया पर टॉन्ट को पहचान लेने वाला एआइ डिटेक्टर

अमरीका की सेंट्रल फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल की कंप्यूटर विज्ञान की पीएचडी शोधार्थी रम्या अकुला और उनकी टीम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित ‘व्यंग्य’ (Sarcasm) डिटेक्टर’ विकसित किया है। यह लाई डिटेक्टर की तरह यह टूल भी सोलश मीडिया पर किसी को परेशान या प्रताडि़त करने के लिए किए गए व्यंग्य और तानों को तुरंत पहचान लेने में सक्षम है।

तानों-व्यंग्य को पहचानना मुश्किल
सोशल मीडिया पर व्यक्त की गई भावनाओं में विश्लेषण की सटीकता न होने के कारण अक्सर बुलीइंग करने वाले कानून के हाथों से बच निकलते हैं। क्योंकि, तानों को पहचाने के लिए मुखर स्वर और चेहरे के हावभाव पर अधिक निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन 300 शब्दों की किसी पोस्ट में छिपे व्यंग्य या तानों को आसानी से पकड़ा नहीं जा सकता।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता से पहचानेंगे व्यंग्य
लेकिन कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित अकुला का बनाया यह डिटेक्टर तार्किक डेटा विश्लेषण और प्रतिक्रिया की गहराई से जांच करती है। भावना का सटीक विश्लेषण ही सोशल मीडिया पर भावनात्मक संचार को सही ढंग से पहचानने में मदद करता है। राम्या अकुला का कहना है कि, बातचीत में छिपे व्यंग्य को पहचान पाना हमेशा आसान नहीं होता है। इसलिए किसी कम्प्यूटर प्रोग्राम के लिए भी यह आसान काम नहीं है। हमने कम्प्यूटर मॉडल को ऐसे पैटर्न खोजने के लिए प्रशिक्षित किया है जो अक्सर कटाक्ष या तानों का संकेत देते हैं।
सही पैटर्न पहचान लगाता पता
एआइ प्रोग्राम को उन खास शब्दों और उससे जुड़े पैटर्न को सही ढंग से पहचाने में मदद करता है, जिनमें व्यंग्य के प्रदर्शित होने का सबसे ज्यादा अंदेशा हो। इसके लिए विभिन्न सोशल मीडिया पोस्ट के विशाल डेटा की मदद ली गई है और फिर इसकी सटीकता की जांच की गई है। रम्या का कहना है कि, ‘आमने-सामने की बातचीत में, चेहरे के हावभाव और वक्ता के स्वर का उपयोग करके व्यंग्य को सहजता से पहचाना जा सकता है। लेकिन टेक्स्ट मैसेज में ऐसा संभव नहीं, क्योंकि इनमें से कोई भी संकेत आसानी से उपलब्ध नहीं है।’
Show More