बिना अशोक स्तूप के भारतीय रुपया…इस शख्स के पास है दुनिया के सभी देशों के सिक्के
तिरुनेलवेली: नोबल राज तिरुनेलवेली जिले के बालयांगोट्टई इलाके के निवासी हैं. वे नेल्ली कॉइन कलेक्शन एसोसिएशन के संस्थापक और अध्यक्ष हैं. उनका खास शौक है प्राचीन करेंसी नोट्स और सिक्कों को इकट्ठा करना. उन्होंने कई दुर्लभ और ऐतिहासिक करेंसी संग्रहित की हैं, जो आज भी उनकी एक अनमोल धरोहर हैं. नोबल राज ने बताया कि उनका सबसे पुराना और अनोखा संग्रह एक 2000 साल पुराना पत्थर का सिक्का है. इसके अलावा उनके पास भारत का एक हजार रुपये का नोट है, जो अब कहीं भी नहीं मिलता. उन्होंने कहा, “यह नोट अब किसी के पास नहीं मिलेगा. जब अंग्रेजों का शासन था, तो उन्होंने दस हजार रुपये का नोट जारी किया था, और वह भी मैंने संग्रहित किया है.”
ब्रिटिश युग के दुर्लभ नोटउनके पास ब्रिटिश जॉर्ज 5वें के शासन काल का 10 रुपये का नोट भी है, जो इतिहास में महत्वपूर्ण माना जाता है. इसके अलावा, उनके पास छठे साल के दस रुपये का नोट और पांच रुपये का नोट भी हैं, जो आज भारत में किसी के पास नहीं मिल सकते. उन्होंने एक रुपये का नोट भी संजोकर रखा है, जो 100 के मूल्यवर्ग में था और जिसे टिकट की तरह फाड़ दिया गया था.
भारत के पहले 100 रुपये का नोटनोबल राज के संग्रह में भारत के पहले 100 रुपये का नोट भी शामिल है, जिसमें पिलर लोगो नहीं था और नोट के पीछे कोई भाषा नहीं छपी थी. यह वह नोट था, जिसे भारतीय मुद्रा में स्तंभ लोगो के साथ जारी करने से पहले इस्तेमाल किया जाता था.
मुसलमानों के लिए विशेष मुद्रा नोटउन्होंने बताया कि जब मुसलमान तीर्थयात्रा के लिए विदेश जाते थे, तो उनके लिए भारतीय मुद्रा नोट लाल रंग में छापे जाते थे. उस समय दो रुपये, पांच रुपये, दस रुपये और सौ रुपये के नोट बहुत लोकप्रिय थे. नोबल राज ने इन सभी नोटों को इकट्ठा किया है और इनकी ऐतिहासिक महत्वता को भी समझा है. उन्होंने मुसलमानों से इन नोटों के बारे में जानकारी ली, लेकिन कोई भी इन्हें रखने वाले नहीं मिले.
एतिहासिक नोट्स का संग्रहउनके संग्रह में एक और विशेष नोट है, जो खालिद नामक कपड़े पर छपा हुआ है. यह भारतीय युग के महत्वपूर्ण नोटों में से एक है. नोबल राज ने कहा कि वे पिछले 30 वर्षों से करेंसी नोट्स और सिक्कों का संग्रह कर रहे हैं, और 1993 में उन्हें इस शौक की शुरुआत हुई थी.
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FIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 18:05 IST