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India’s life expectancy inches up 2 years to 69.7 | हमारी औसत उम्र दो साल बढ़कर हुई 69.7 वर्ष

हमारी औसत उम्र दो साल बढ़कर हुई 69.7 वर्षशिशु मृत्यु दर घटने से पड़ा सकारात्मक प्रभाव
रिपोर्ट के अनुसार जन्म के समय और एक या पांच वर्ष की आयु में जीवन प्रत्याशा का अंतर उन राज्यों में सर्वाधिक है, जहां उच्च शिशु मृत्यु दर ज्यादा है जैसे- मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश, ऐसा राज्य है, जहां शिशु मृत्यु दर (38) दूसरे नंबर पर है। यहां जैसे ही एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में कमी आई, जीवन प्रत्याशा में 3.4 वर्षों की वृद्धि हो गई। इसी तरह मध्यप्रदेश में शिशु मृत्यु दर (43) सर्वाधिक है, यहां भी बच्चों ने जब एक वर्ष की आयु पूरी की तो जीवन प्रत्याशा में 2.7 वर्षों का इजाफा हो गया।

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की प्रत्याशा में बढ़ा अंतर
वर्ष 2015-19 के लिए गांवों में जीवन प्रत्याशा 68.3 वर्ष और शहरों में 73.0 वर्ष रही। इसी तरह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में क्रमश: 0.3 वर्ष और 0.4 वर्ष की वृद्धि हुई है। भारत में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की जीवन प्रत्याशा में बड़ा अंतर है। जैसे हिमाचल प्रदेश में शहरी महिलाओं की जीवन प्रत्याशा सबसे अधिक 82.3 वर्ष है, जबकि छत्तीसगढ़ में ग्रामीण पुरुषों की सबसे कम केवल 62.8 वर्ष है। असम में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की जीवन प्रत्याशा में लगभग आठ वर्ष का अंतर है। इसके बाद पांच वर्ष का अंतर हिमाचल प्रदेश में है। केरल एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां ग्रामीण जीवन प्रत्याशा पुरुषों और महिलाओं, दोनों की शहर से अधिक है।

दुनिया में जापानी जीते हैं सर्वाधिक

  • जन्म के समय बांग्लादेश की जीवन प्रत्याशा 72.1 वर्ष और नेपाल की 70.5 वर्ष है। इन दोनों ही देशों में शिशु मृत्यु दर भारत से कम है।
  • विश्व में जापान के लोग जीते हैं सर्वाधिक। यहां की जीवन प्रत्याशा 85 वर्ष है।
  • नॉर्वे, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड की जीवन प्रत्याशा है 83 वर्ष।
  • सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक की जीवन प्रत्याशा सबसे कम 54 वर्ष है।

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