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वजन कम करने के लिए लिया इंजेक्शन, पेट में मार दिया लकवा, आप न करें ऐसी गलती, दवा के बारे में डॉक्टर से जानें पूरी सच्चाई

Last Updated:February 11, 2025, 16:22 IST

Weight Loss Drug Side Effects: विदेश में वजन कम करने वाले इंजेक्शन की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. इसके देखा-दखी भारत के युवाओं में इस दवा को लेकर दिलचस्पी बढ़ी है लेकिन खुद अपने मन से एक 32 साल के व्यक्ति ने इस…और पढ़ेंवजन कम करने के लिए लिया इंजेक्शन, पेट में मार दिया लकवा, आप न करें ऐसी गलती

वेट लॉस की दवा.

Weight Loss Drug Side Effects: 32 साल के एक युवा को पेट में तकलीफ बढ़ने से अस्पताल में भर्ती कराया गया. उसका जी बहुत मितलाता था और भूख बिल्कुल भी नहीं लगती थी. डॉक्टरों ने जब एंडोस्कोपी किया तो पाया कि उसके पेट में 8 घंटे से फूड एक ही जगह फंसा है जबकि 48 घंटे से उसकी आंत में भोजन का पाचन नहीं हुआ है. इससे आंत को जाम कर दिया है. इस बीमारी को गैस्ट्रोपेरेसिस Gastroparesis कहा जाता है. यह पेट और आंत के मसल्स में आंशिक लकवा है. अगर 8 घंटे से ज्यादा फूड आंत में एक ही जगह फंसा रह जाए तो ऐसा होता है. डॉक्टरों ने जब इसका कारण पता लगाया तो सब चौंक गए. दरअसल, यह व्यक्ति 105 किलो का था और वजन को कम करने के लिए टाइराजेपाटाइड tirzepatide इंजेक्शन का हाई डोज ले लिया. यह दवा भारत में अभी मंजूर नहीं हुई है, इसलिए उसने दुबई से इसे खरीदा. पर इसका इतना बुरा असर होगा यह उसने सोचा नहीं होगा. आखिर इस दवा को लेने के बाद ऐसा क्यों हुआ, इस विषय पर हमने एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. पारस अग्रवाल से बात की.

कैसे काम करती है वजन कम करने वाली दवा पहले यह जान लेते हैं कि वजन कम करने वाली दवा काम कैसे करती है. दरअसल, वजन कम करने वाली दवा को लेकर अमेरिका, यूरोप में काफी पॉपुलर हो गई है. इसमें एक टेराजेपाटाइड है और दूसरा सेमाग्लूटाइड. 25 से 40 साल के बीच के युवाओं में इस दवा के प्रति दीवानगी है. फिलहाल भारत में इस दवा को मंजूरी नहीं मिली है लेकिन सेमाग्लूटाइड का ओरल वर्जन राइबलसस हमारे देश में भी उपलब्ध है. अब सवाल है कि यह दवा क्या सच में वजन घटाती है. डॉ. पारस अग्रवाल ने कहा कि टेराजेपाटाइड या सेमाग्लूटाइड मुख्य रूप से शुगर को कम करने वाली दवाई है जिसे डायबिटीज मरीजों को दी जाती है लेकिन टेराजेपाटाइड जो मोंनजारो और जेपबाउंड के नाम से आती है पैंक्रियाज में गैस्ट्रिक इनहिबटरी पोलीपेप्टाइट -GIP और ग्लूकोगोन लाइक पेप्टाइट-1 GLP-1 हार्मोन को एक्टिवेट कर देती है. ये दोनों हार्मोन भूख के अहसास को कम करता है.

मतलब जब भोजन से हमारा पेट भर जाता है तो ये दोनों हार्मोन रिलीज होते हैं और दिमाग को यह संदेश देते हैं कि अब हमारा पेट भर चुका है, अब खाने की जरूरत नहीं. उस स्थिति में इंसान खाना छोड़ देता है. लेकिन अगर इन हार्मोन की कमी है तो भूख ज्यादा लगती है और हम खाना ज्यादा खाते हैं. यह दवा एक तरह से यही हार्मोन बन जाती है जो भूख को कम करती है.अगर कोई कम खाना खाएगा तो जाहिर वजन भी कम होगा और शुगर भ कम होगी. इसलिए यह शुगर को कम करने के साथ-साथ वजन को घटाने में भी मदद करती है. यह दवा इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ा देती है. यही कारण है कि यह दवा आजकल ज्यादा पॉपुलर हो रही है क्योंकि दुनिया के अधिकांश लोग मोटापा और डायबिटीज से पीड़ित हैं.

वजन कम करने वाली दवा से दिक्कतें क्या होती हैडॉ. पारस अग्रवाल ने कहा कि इस दवा का एक काम कई स्तरों पर है. यह लिवर पर भी काम करती है फैट पर भी काम करती है. इसका एक काम यह भी है कि यह पाचन को स्लो कर देता है जिससे भूख और देर तक नहीं लगती. लेकिन पाचन स्लो होने से कब्ज की समस्या बढ़ जाती है और फूड आंत में अटक जाता है. अगर डॉक्टरों के सुपरविजन में इसे नहीं लिया जाए तो इससे कई तरह की दिक्कतें होती है. वास्तव में इस दवा को धीरे-धीरे दी जाती है. पहले देखा जाता है कि बॉडी में यह दवा सुट कर रही है या नहीं. इसके बाद डोज को बढ़ाया जाता है. मोंजारो इंजेक्शन छोटी-छोटी डोज में आती है. 15 मिलीग्राम की डोज बहुत हाई हो गई. इस कारण उस लड़के को इतनी दिक्कतें हुई. कुछ लोगों में यह दवा सुट नहीं करती. इसलिए पहले डॉक्टर कई तरह की जांच करते हैं, फिर डोज तय करते हैं. ऐसे में कभी भी बिना डॉक्टरों की सलाह इस दवा को न लें.

क्या भारत में यह दवा मौजूद डॉ. पारस अग्रवाल ने बताया कि पश्चिमी देशों में टाइराजेपाटाइड को मंजूरी मिल गई है लेकिन भारत में यह बहुत जल्दी आने वाली है. मोंनजारो नाम की यह दवा इस साल तक आ सकती है. यह दवा इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ाती है और भूख वाले हार्मोन को नियंत्रित कर वजन को भी घटाने में मदद करती है. इसके लिए दो दवाएं अमेरिका, यूरोप में उपलब्ध है. टेराजेपाटाइड और सेमाग्लूटाइड. सेमाग्लूटाइड का ओरल वर्जन को भारत में मंजूरी मिल चुकी है और रीबेलसस Rybelsus नाम से यह बाजार में भी उपलब्ध है लेकिन यह बिना डॉक्टरों की सलाह न लें.


First Published :

February 11, 2025, 16:22 IST

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