Rajasthan

International Tiger Day 2023: हाड़ौती में बाघों का बढ़ रहा अस्तित्व, वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड की रिपोर्ट में दर्ज की गई गिरावट

शक्ति सिंह/कोटा. 29 जुलाई को हर साल विश्व के कई देशों में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस बाघों के संरक्षण और उनकी विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने के उद्देश्य से मनाते हैं. वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 150 साल में बाघों की संख्या में लगभग 95 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई है. साल 2018 में भारत में बाघों की संख्या 2900 से ज्यादा थी. लेकिन संरक्षण कार्यक्रम तहत फिर से बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है.

वन्य प्रेमी सुनील शर्मा ने बताया कि अंतरष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य बाघों का संरक्षण और इनकी संख्या में इजाफा करवाना है, क्योंकि बाघ है तो जंगल है और जंगल है तो पर्यावरण है. एक बाघ से पूरी चैन सिस्टम जुड़ी हुई है. जो पर्यावरण को भी अनुकूलित बनाती है और फूड सिस्टम को भी अगर बाघ खत्म हो जाएंगे तो दूसरे जानवरों की संख्या बढ़ जाएगी जिनमें हिरण, नीलगाय, जंगली सूअर शामिल है. जोकि गांव में फसलों को भी नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में टाइगर इनको अपना शिकार बनाते हैं. जिससे ग्रामीणों की फसलें बची रहती है.

मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में एक अकेला है नर बाघ

वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट आदिल सैफ ने बताया कि हाड़ौती में दो टाइगर सेंचुरी मौजूद है. जिनमें कुल 8 नर और मादा और उनके बच्चे मौजूद हैं. यहां बाघों के कुनबे को बढ़ाने की योजना बनानी चाहिए. मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में एक नर बाघ अकेला है. वहां जरूरत है बाघिन की ऐसे में मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में एक बाघिन छोड़नी चाहिए, ताकि मुकुंदरा टाइगर सेंचुरी में टाइगर का कुनबा बढ़ सके. हालांकि, मुकुंदरा में पहले भी टाइगर रिलीज किए गए, लेकिन यहां किसी न किसी कारणवश टाइगर का कुनबा नहीं बढ़ पाया. एक के बाद एक टाइगर खत्म होते गए. उन्होंने ने बताया कि बूंदी के रामगढ़ विषधारी में भी अगर 1.2 और बाघिन छोड़ी जाए तो वहां भी कुनबा और बढ़ सकता है. वैसे रामगढ़ सेंचुरी से अभी खुशखबरी आई थी कि वहां की बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया.

रणथंबोर सेंचुरी में लगभग 84 बाघ  

आदिल सैफ ने बताया कि कोटा के घने जंगलों की बात करें तो यहां भी 200 साल पहले बाघों की संख्या काफी थी पर शिकार के चलते धीरे-धीरे कोटा के घने जंगलों से बाघ भी खत्म हो रहे है थे. लेकिन समय के साथ बाघों की संख्या बढ़ी है. कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में 2 महीने के लाए गए रणथंबोर सेंचुरी से दो टाइगर के शावक जो अब हो चुके हैं बड़े और जंगल में जाने के लायक भी तैयार है. इन दोनों नर और मादा टाइगर को मुकुंदरा के जंगल में रिलीज कर देना चाहिए, ताकि मुकुंदरा टाइगर रिजर्व एक बार फिर से गुलजार हो सके. सवाई माधोपुर रणथंबोर टाइगर सेंचुरी के नेचर गाइड शाकिर अली ने बताया कि रणथंबोर सेंचुरी में बाघो की कुल जनसंख्या लगभग 84 है जिनमे 30 शावक, 29 मादा और 25 नर टाइगर मौजूद है , रणथम्बोर में भी बाघों का कुनबा बड़ा है हाल ही में बाघिन रिद्धि 3 शावकों के साथ नजर आई और एरो हेड बाघिन ने भी 3 शावकों को जन्म दिया है रणथम्बोर के बाघों पर शाकिर अली एक किताब भी लिख रहे हैं.

आज इंटरनेशनल टाइगर डे के उपरांत कोटा में चिड़ियाघर और अभेडा बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर संरक्षण को लेकर प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे जहां पर बड़ी संख्या में वन्य प्रेमी और एक्सपर्ट आएंगे जो बाघ संरक्षण से रिलेटेड अपना एक्सपर्टव्यूदेंगे.

Tags: Animal, Kota news, Local18, Rajasthan news, Tiger

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