Rajasthan

On Business Ventilator, Traders Demand Tax Relief – Traders : व्यापार वेंटिलेटर पर, व्यापारियों की टैक्स राहत की मांग

कोविड महामारी ( covid epidemic ) के कारण वर्तमान समय व्यापार व उधोग ( Rajasthan trade and industry ) के लिए बहुत ही मुश्किल भरा है, इसलिए यूनियन फाइनेंस मिनिस्टर, जीएसटी कॉउंसिल ( GST Council ) चेयरमैन, स्टेट फाइनेंस मिनिस्टर से लगातार व्यापारियों को राहत देने की मांग की जा रही है। दूसरी तरफ, मोनोटोरियम पीरियड ( loan moratorium ) की किश्तें अभी चालू हो गई है, उनको कम से कम 6 महीनें की अवधि तक आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

जयपुर। कोविड महामारी के कारण वर्तमान समय व्यापार व उधोग के लिए बहुत ही मुश्किल भरा है, इसलिए यूनियन फाइनेंस मिनिस्टर, जीएसटी कॉउंसिल चेयरमैन, स्टेट फाइनेंस मिनिस्टर से लगातार व्यापारियों को राहत देने की मांग की जा रही है। दूसरी तरफ, मोनोटोरियम पीरियड की किश्तें अभी चालू हो गई है, उनको कम से कम 6 महीनें की अवधि तक आगे बढ़ाया जाना चाहिए। किश्तों पर लगने वाले ब्याज को सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा वहन किया जाना चाहिए ताकि जो व्यापारी पहले से ही वेंटिलेटर पर है उसको थोड़ी राहत मिल सके ताकि वह अपने आप को स्टेबल रख पाए। व्यापार जगत में अधिकतर वस्तुओं का मूल्य ट्रांसपोटेशन पर निर्भर करता है वर्तमान में पेट्रोल एवं डीजल की दरें काफी अधिक बढ़ गई है, इसलिए प्राइज कम करने के लिए इसको जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए ताकि प्राइज में स्थिरता आए और पूरे दश में एक प्राइज हो। फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है कि केंद्र सरकार कोई खास पैकेज की घोषणा कर नई नीति लाए, जिससे डायरेक्ट बेनिफिटस छोटे व माध्यम व्यापारियो को मिल सके।
इनपुट टैक्स क्रेडिट पर रिस्ट्रेकशन खत्म हो
जीएसटी कमेटी के चेयरमैन पंकज घीया का कहना है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट में जो रिस्ट्रेकशन डाले हुए है उन सभी को खत्म किया जाना चाहिए और जो व्यापारी ने कर चुकाया हुआ है उसपर पूरा इनकम टैक्स क्रेडिट मिलना चाहिए और धारा 16 (4) के अंतर्गत जो इनपुट टैक्स क्रेडिट रिस्ट्रेकशन डले हुए है उनकी तिथी बढ़ाई जानी चाहिए और सभी इनपुट टैक्स क्रेडिट जो 31.12.2021 तक क्लैम कर दिए जाते है उनको अलाऊ किया जाना चाहिए। जीएसटी रिटन्र्स की फाइलिंग की जो तिथि है 30 सितम्बर 2021 तक बढ़ा दी जानी चाहिए। व्यापारियों पर जितनी भी लेट फीस लग रही है या लग चुकी है , वो व्यापारियों को वापस मिलनी चाहिए और 01.07.2017 से अभी तक कोई लेट फीस का कोई प्रावधान नही होना चाहिए। कोविड से सम्बंधित दवाइयां, मशीन मेडिकल इक्युमेंट्स पर जो कर दर लागू है, उसको कम करके 0.1 प्रतिशत कर दी जानी चाहिए।
इनकम टैक्स रिटन्र्स 31 दिसम्बर तक बढ़े
इनकम टैक्स में जो समय-सीमा में बढ़ोतरी की गई हों वो वर्तमान समय को देखते हुए काफी कम है एवं कोरोना की द्वितीय एवं तृतीय लहर को देखते हुए इनकम टैक्स रिटन्र्स 31 दिसम्बर तक बढ़ाई जानी चाहिए। इनकमटैक्स में जो डेप्रिसिएशन दिया जाता है उसे कम से कम 10 से 15 प्रतिशत बढ़ाया जाना चाहिए, साथ ही फोर्टी द्वारा केंद्र सरकार से और भी कई बिंदुओ पर राहत की मांग की गई है जो निम्न प्रकार से है। मध्यम एवं लघु श्रेणियों के व्यापारियों को कोई राहत नहीं मिल पा रही है ऐसे में सरकार द्वारा इनकम टैक्स के रेट स्लैब में जो टैक्स दर है उसमें छूट दी जानी चाहिए।
आरटीओ टैक्स में 3 महीने की राहत मिले
आरटीओ टैक्स कम से कम 3 महीनों के लिए सभी व्हीकलस पर माफ कर और जो बिजली के बिल्स है उनपर एक्चुअल रीडिंग पर पैसा लिए जाए ताकि उधमियों को राहत मिल सके। साथ ही स्टेट में वैट, एन्ट्री टैक्स और एंटरटेनमेंट टैक्स पर एमनेस्टी की योजना का प्रथम चरण 30 अप्रेल को खत्म हो गया है इसकी तिथी भी बढ़ाई जानी चाहिए। लॉकडाउन के दौरान बहुत से व्यापारियों को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार व्यापार को सेक्टर वाइज खोलने की योजना बनाए, ताकि छोटे व मध्यम व्यापारी को राहत मिल सके।



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