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कोटा में एसडीआरएफ का बेड़ा तैयार, यूं निपटेगा आपदा से, पुलिस अलर्ट Rajasthan News-Kota News-Tauktae cyclone-SDRF fleet ready to deal with disaster-police alert

एसडीआरएफ के पास वर्तमान में 90 कर्मचारियों का स्टाफ है. इसमें से अभी करीब 50 लोग मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में ड्यूटी दे रहे हैं. (सांकेतिक तस्वीर)

एसडीआरएफ के पास वर्तमान में 90 कर्मचारियों का स्टाफ है. इसमें से अभी करीब 50 लोग मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में ड्यूटी दे रहे हैं. (सांकेतिक तस्वीर)

Tauktae cyclone update: टाउते तूफान से निपटने के लिये कोटा में जिला प्रशासन और एसडीआरएफ ने पूरी तैयारियां कर ली है. तूफान से कोरोना पीड़ित मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो इसके पूरे इंतजाम किये गये हैं.

कोटा. चक्रवाती तूफान टाउते (Tauktae cyclone) से मुकाबला करने के लिये कोटा में स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (SDRF) कमर कस ली हैं. कोटा जिले साथ के साथ ही बारां, बूंदी और झालावाड़ में भी इसकी पूरी टीम मुस्तैदी रहेगी. तूफान के कारण कोरोना पीड़ित मरीजों का इलाज प्रभावित ना हो इसके लिये जिला प्रशासन ने भी इसकी समुचित व्यवस्था की है. इसके तहत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिये गये हैं कि जिले में प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर 10 और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर 5 ऑक्सीजन कंसट्रेटर भिजवाये जायें. पुलिस सभी थाना क्षेत्रों में अलर्ट मोड पर रहे. कोई भी अधिकारी 19 मई तक बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ेगा. चंद मिनट में कर दिया जाएगा रास्ते को साफ एसडीआरएफ के मेजर हवलदार करण सिंह ने बताया कि ऐसे सभी उपकरण जो कि पेड़ काटने से लेकर रास्ते को क्लियर करने के लिए उपयोग में आते हैं उन्हें एक जगह पर व्यवस्थित कर लिया गया है. जरुरत पड़ते ही उन्हें तुरंत वाहन में रखकर ले जाया जाएगा. सिंह ने बताया कि फिलहाल बड़ी संख्या में कोरोना के मरीजों को अस्पताल लाने ले जाने का काम एम्बुलेंस के जरिये किया जा रहा है. इसके अलावा दवा और ऑक्सीजन का परिवहन भी हो रहा है. तूफान के कारण इन सबके बाधित होने से कोरोना के मरीजों को परेशानी हो सकती है. इसके लिए एसडीआरएफ पूरी तरह से तैयार है. अगर तूफान के कारण कहीं मार्ग अवरुद्ध होता है वह तुरंत मौके पर पहुंचेंगी.वर्तमान में 90 कर्मचारियों का स्टाफ है सिंह ने बताया कि एसडीआरएफ के पास वर्तमान में 90 कर्मचारियों का स्टाफ है. इसमें से अभी करीब 50 लोग मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में ड्यूटी दे रहे हैं. उनको भी जरूरत पड़ने पर वापस बुला लिया जाएगा. हालात से निपटने के लिये 2 टीमें पूरी तरह से तैयार की गई हैं. इनमें 12-12 जवान शामिल किये गये हैं. आपातकाल के लिये बोट भी असेंबल की गई हैं. कलेक्टर ने विभागवार सौंपा जिम्मा
जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ ने टाउते को लेकर आयोजित की गई बैठक अधिकारियों को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं. शहरी क्षेत्र में अग्निशमन बेड़ा और आपदा प्रबंधन दल आवश्यक संसाधनों के साथ अलर्ट मोड पर रहेंगे. पंचायतराज विभाग ब्लॉकवार नियंत्रण कक्ष स्थापित कर ग्राम पंचायत स्तर तक विद्युत एवं पेयजल सप्लाई तथा आवश्यक मूलभूत सुविधाओं की मॉनिटरिंग करेगा.





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