IPS Story: आईजी साहब पर हो गई बड़ी कार्रवाई, जानें कैसे बने थे आईपीएस अधिकारी?
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IPS Kishan Sahay Meena : यह मामला राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी किशन सहाय मीणा का है. किशन सहाय मीणा राजस्थान पुलिस मुख्यालय में आईजी मानवाधिकार के पद पर तैनात हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान किशन सहाय मीणा की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन वह बिना बताए वापस जयपुर चले गए, जिससे आयोग ने राजस्थान के मुख्य सचिव और डीजीपी को लेटर जारी कर सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं.
कब आईपीएस बने किशन सहायकिशन सहाय मीणा राजस्थान के अलवर के रहने वाले हैं. किशन सहाय मीणा का चयन राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अफसर के रूप में हुआ था. इसी के माध्यम से वह राजस्थान पुलिस में डीएसपी के पद पर सेलेक्ट हुए थे. वर्ष 2013 में उनको प्रमोट करके आईपीएस बना दिया गया, जिसके बाद वह आईपीएस अधिकारी के रूप में पिछले दस सालों से कार्यरत हैं.
कहां-कहां रही तैनातीआईपीएस बनने के बाद किशन सहाय मीणा की सबसे पहली तैनाती टोंक जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में हुई. करीब पांच महीने एसपी रहने के बाद किशन सहाय मीणा का तबादला अजमेर जीआरपी में कर दिया गया. जनवरी 2015 से जून 2015 तक वह एपीओ के पद पर तैनात रहे. इसके बाद वह चार साल तक सीआईडी क्राइम ब्रांच में रहे. वर्ष 2019 में उनका प्रमोशन डीआईजी के पद पर हो गया. पिछले साल, वर्ष 2023 में उन्हें आईजी के पद पर प्रमोट किया गया. इस दौरान वह सीआईडी, जेल आदि विभागों में रहे. वर्तमान में वह राजस्थान पुलिस मुख्यालय में तैनात थे.
आयोग ने क्या कहा?आईपीएस अधिकारी किशन सहाय मीणा की ड्यूटी को लेकर चुनाव आयोग ने राजस्थान सरकार को लेटर लिखा है, जिसमें कहा गया है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में किशन सहाय मीणा की ड्यूटी गुमला जिले के सिसई, गुमला और बिशुनपुर में पुलिस पर्यवेक्षक के रूप में लगाई गई थी. आयोग की स्वीकृति के बिना ही उन्होंने 28 अक्टूबर को ड्यूटी स्थल छोड़ दिया. आयोग ने कहा है कि पुलिस पर्यवेक्षक की नियुक्ति चुनाव आयोग भारत के संविधान के आधार पर करता है. किशन सहाय का नाम राजस्थान सरकार ने ही 21 अक्टूबर को प्रस्तावित किया था. 23 अक्टूबर को इसके लिए सहमति दी गई थी, और 24 अक्टूबर को निर्वाचन क्षेत्र में रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए थे. इसके अलावा निर्देश यह भी था कि फॉर्म 17 ए की जांच और पुनर्मतदान की स्थिति में ही निर्वाचन क्षेत्र छोड़ें, लेकिन मीणा ने आयोग की मंजूरी के बगैर 28 अक्टूबर को निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दिया था.
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पहले भी रहे हैं चर्चा मेंकिशन सहाय मीणा इससे पहले भी एक बार सुर्खियों में रहे थे, जब उन्होंने एक धार्मिक टिप्पणी की थी. तब उन्होंने कहा था कि धर्म ग्रंथों में बताए गए सभी पात महज काल्पनिक हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 14, 2024, 11:14 IST