Crime Suspect: 4 साल से फरार नशीली दवाओं का तस्कर, नाम बदलकर पुलिस को देता था चकमा, रोचक तरीके से गिरफ्तार हुआ अशोक सिरोही

जोधपुर. आईजी विकास कुमार के नेतृत्व में जोधपुर पुलिस की साइक्लोनर टीम ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है. टीम ने ऑपरेशन कलिंग के तहत पाली में एक नशे के आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम अशोक सिरोही है, जो चार साल से फरार था. हैरानी की बात यह है कि नशे की दुनिया से बाहर निकलकर उसने एक किराने की दुकान खोल ली थी, लेकिन फिर भी चोरी-छुपे नशे का कारोबार कर रहा था.
साइक्लोनर टीम को मिली थी खुफिया जानकारीसाइक्लोनर टीम को इस बारे में खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद उन्होंने उसे पकड़ने के लिए योजना बनाई. अशोक सिरोही को बस में सवार होकर पुणे से पाली आते समय टीम ने पीछा कर रोका और गिरफ्तार किया. आरोपी श्रीगंगानगर जिले में नशीली गोलियों की सप्लाई के मामले में पिछले 4 साल से फरार चल रहा था. उसकी गिरफ्तारी पर बीस हजार का इनाम भी घोषित किया गया था. आरोपी अपना नाम बदलकर फर्जी नाम से बस का टिकट बनवाकर जोधपुर लौट रहा था, इसी दौरान बीच रास्ते में पकड़ा गया.
ड्राइविंग करते हुए इस तरह बना तस्करपुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि टीम ने नशीली गोलियां सप्लाई करने वाले तस्कर अशोक सिरोही को गिरफ्तार किया. आरोपी पिछले 4 वर्षों से गंगानगर जिले में नशे की गोलियों की आपूर्ति के मामले में फरार चल रहा था, इसलिए उसकी गिरफ्तारी पर 20 हजार का इनाम घोषित किया गया था.
टूरिस्ट गाड़ियों से पर्यटकों की आड़ में करता था तस्करी टूरिस्ट गाड़ियों में पर्यटक साथ होने की वजह से पुलिस को संदेह नहीं होता था और आने-जाने का खर्च भी नहीं होता था. इसके साथ ही आरोपी नशे की गोलियों की सप्लाई भी करता था. कई वर्षों तक ऐसा ही चलता रहा, लेकिन साल 2021 में गंगानगर में उसका एक साथी बीस हजार नशीली गोलियों के साथ पकड़ा गया. पकड़े गए अमनदीप जाट ने स्विफ्ट कार से सांचौर से गंगानगर में नशीली दवाइयों की आपूर्ति की पूरी पोल खोल दी, जिसमें पहली बार अशोक का नाम सामने आया.
गंगानगर में घोषित था 20 हजार रुपये का इनाम गंगानगर में पहली बार मादक द्रव्यों की तस्करी में नाम आने के बाद अशोक थोड़ा विचलित जरूर हुआ, लेकिन फिर गंगानगर से जोधपुर मुख्यालय बदलकर धंधा बदस्तूर जारी रखा. पुलिस लगातार नशे की गोलियों के आपूर्तिकर्ता को ढूंढती रही, लेकिन शातिर अशोक नशे की गोलियों का काम लगातार चलाता रहा. सतर्कता और शातिरपने की हद ऐसी थी कि पिछले चार वर्षों में किसी भी प्रकरण में अशोक सिरोही का नाम तक नहीं आया था.
9वीं में हुआ फेल, डेयरी का काम किया शुरूअशोक की कहानी भी एक गुमराह आम युवक की ही कहानी रही. 9वीं में फेल होकर उसने दूध की डेयरी का काम शुरू किया. घूमने-फिरने के शौकीन अशोक को एक ही दुकान पर दिन भर बैठे रहना पसंद नहीं आया, तो कार ड्राइविंग सीखकर एक प्राइवेट टूरिस्ट फर्म में ड्राइविंग करने लगा. ड्राइविंग करते हुए जगह-जगह घूमते हुए अशोक का संपर्क गुजरात, गंगानगर, और सांचौर के नशे के सौदागरों से हो गया।
परचून की दुकान खोलना चाहता था, बस में गिरफ्तार आईजी विकास कुमार ने बताया कि परचून की दुकान खोलने के लिए आरोपी को पैसे की जरूरत थी. आरोपी गांव में पैसे लेने के लिए विक्रम नाम से प्राइवेट एजेंसी की बस में टिकट बुक कराकर पुणे से चढ़ा. साइक्लोनर सेल को भी उसके जोधपुर आने को लेकर इनपुट मिला था, इस पर टीम ने सड़क, रेल और वायु तीनों मार्गों के सूत्रों पर नजर रखनी शुरू कर दी. आरोपी जैसे ही एक प्राइवेट बस में पाली से जोधपुर के बीच में पहुंचा, टीम ने बस रुकवाकर आरोपी को पकड़ लिया.