परिवार है या जिला! रोज बनती है 50 किलो सब्जी, 65 kg आटे की रोटियां खा जाते हैं मर्द

भारत में संयुक्त परिवार का चलन काफी पुराना है. लंबे समय से यहां कई पीढ़ियां साथ रहती आई है. संयुक्त परिवार में रहने के कई फायदे होते हैं. यहां आपको कभी अकेलापन महसूस नहीं होगा. लेकिन इसकी कुछ खामियां भी हैं. कहते हैं ना कि जहां चार बर्तन रहते हैं वहां आवाज आती है. संयुक्त परिवार में कई बार झगड़े होते हैं. लेकिन पहले लोग इन झगड़ों के बाद भी साथ ही रहते थे.
लेकिन अब एकल परिवार का जमाना आ गया है. लोग अब अपने पार्टनर और बच्चों के साथ अलग रहना पसंद करते हैं. लेकिन कुछ ऐसी फैमिलीज हैं, जो आज भी साथ रहती है. ऐसी ही एक फैमिली अजमेर में रहती है. राजस्थान के बागड़ी माली परिवार को ज्यादातर लोग जानते हैं. इस परिवार को ये नाम और शोहरत परिवार के सदस्यों की संख्या की वजह से मिली है. इस परिवार में कुल 185 लोग रहते हैं.
ऐसे बनता है खानाइस परिवार में 185 लोग हैं. अब चूंकि इतना बड़ा परिवार है, तो घर की रसोई भी बड़ी ही होगी. सोशल मीडिया पर इस घर की रसोई का एक वीडियो शेयर किया गया. इसमें एक साथ कई चूल्हे नजर आए. घर की महिलाएं अपना ज्यादातर समय यही बिताती हैं. घर की रसोई में कुल ग्यारह चूल्हे हैं, जिसपर दिन भर खाना बनता रहता है. बताया जाता है कि इस परिवार में डेली 65 किलो आटे की रोटियां बनती है. साथ ही करीब पचास किलो सब्जी हर दिन पकाई जाती है.