REET- Buses Carrying Candidates Will Not Have To Pay Toll – REET- परीक्षार्थियों को ले जाने वाली बसों को नहीं देना होगा टोल

रीट परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यार्थी ना केवल बसों में निशुल्क सफर कर सकेंगे बल्कि अभ्यार्थियों को ले जा रही बसों को टोल नाकों पर नहीं रोका जाएगा।

टोल नाकों को किया जाएगा टोल फ्री
परीक्षा केंद्र पर एसपी कलेक्टर भी नहीं कर सकेंगे मोबाइल का उपयोग
जयपुर
रीट परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यार्थी ना केवल बसों में निशुल्क सफर कर सकेंगे बल्कि अभ्यार्थियों को ले जा रही बसों को टोल नाकों पर नहीं रोका जाएगा। अभ्यार्थी निर्धारित वक्त पर परीक्षा केंद्र पहुंच सकें। इसके लिए सरकार ने अभ्यार्थियों की बसों के लिए टोल फ्री कर दिया गया है। जिससे उन्हें टोल नाके पर अतिरिक्त वक्त ना लगे। प्रदेश के हर टोल नाके पर रीट अभ्यर्थियों से भरी बस के निकलने के लिए अलग से व्यवस्था भी की जाएगी। वहीं निजी ऑपरेटर्स को भी 10 दिन के अंदर किराए का भुगतान किया जाएगा। शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने शुक्रवार को संवाददाताओं को रीट परीक्षा को लेकर की जा रही तैयारियों को लेकर यह जानकारी दी। उनका कहना था कि सरकार ने परीक्षा के सुचारू और सफल संचालन के लिए कई निर्णय लिए हैं जिसमें सबसे बड़ा फैसला अभ्यार्थियों के निशुल्क यात्रा करने और बसों को टोल फ्री करने का है। उनका कहना था कि अब छात्र रोडवेज बसों के साथ निजी बसों में भी निशुल्क यात्रा कर सकेंगे।
सेंटर पर मेज पर मिलेगा मास्क
उन्होंने बताया कि परीक्षा देने वाले हर अभ्यार्थी को मास्क उपलब्ध करवाया जाएगा। मास्क परीक्षा कक्ष में उनकी मेज पर होगा। अभ्यार्थी जो मास्क पहन कर आएंगे उसे उन्हें बाहर ही छोडऩा होगा। यह व्यवस्था इसलिए की गई है कि जिससे किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े या नकल की घटना को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि यह अभ्यार्थियों के साथ सरकार की भी परीक्षा है हालांकि यह केवल पात्रता परीक्षा है लेकिन खुशी की बात है कि इसके बाद प्रदेश को 31 हजार शिक्षक मिलेंगे।अभ्यार्थियों को कोई परेशानी नहीं और परीक्षा पारदर्शी तरीके से हो, यह सबसे बड़ी चुनौती है जिसे सरकार अपने स्तर पर पूरा करने में जुटी हुई है।
कलेक्टर, एसपी के भी मोबाइल यूज पर रोक
डोटासरा ने कहा कि रीट परीक्षा के दौरान कोई भी व्यक्ति परीक्षा केंद्र पर मोबाइल लेकर नहीं जा सकेगा। फिर वह कलेक्टर हो या फिर एसपी या कोई अन्य अधिकारी। सभी को अपने मोबाइल अपने वाहनों में ही रखने होंगे। यदि कोई भी व्यक्ति सरकार के आदेश के बाद भी मोबाइल इस्तेमाल करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जिस तरह से पेपर लीक होने की सूचनाएं आई हैं उसके बाद यह निर्णय लिया गया है।
पेपर अभ्यार्थियों तक पहुंचने की होगी वीडियोग्राफी
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हर परीक्षा केंद्र पर पेपर पहुंचने के बाद पेपर अभ्यार्थियों तक पहुंचने तक की प्रक्रिया की भी वीडियोग्राफी करवाई जाएगी। ताकि किसी भी तरह की लापरवाही की संभावना ना रहे। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही परीक्षा के दौरान किसी भी सरकारी कर्मचारी या परीक्षा केंद्र संचालक द्वारा लापरवाही या फिर बेईमानी की गई। तो सरकारी कर्मचारी को नौकरी से हटाने के साथ ही परीक्षा केंद्र की हमेशा के लिए मान्यता रद्द कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह दोनों फैसले पढऩे वाले बच्चों के हित में लिए गए हैं।
कवर किए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि नकल रोकने के लिए एक और फैसला हुआ है। प्रदेश के निजी स्कूलों में जहां सेंटर आए हैं, वहां के सीसीटीवी कैमरे कवर किए जाएंगे। उनका कहना था कि पिछले कुछ समय में निजी स्कूलों में कैमरे लगाए गए हैं जिससे कोविड के समय बच्चे घर रह कर पढ़ रहे थे। इन कैमरों में इस प्रकार की व्यवस्था है जिससे अभिभावक घर बैठे अपने बच्चों को पढ़ता हुआ देखते हैं। ऐसे में परीक्षा के दौरान निजी स्कूलों के कैमरे कवर किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस बात को मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहे हैं उन्हें परीक्षा की गंभीरता को समझना चाहिए। गौरतलब है कि पूर्व शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी ने कैमरे कवर किए जाने को लेकर पिछले दिनों शिक्षामंत्री की ओर से दिए गए बयान पर आपत्ति जताई थी और इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया था। मंत्री ने सफाई पेश की है।
इंटरनेट बंद रखने पर फैसला जिला प्रशासन पर
उनका कहना था कि फिलहाल सरकार ने इंटरनेट बंद करने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन स्थानीय परिस्थिति के आधार पर पुलिस और प्रशासन को फैसला लेने की छूट दी गई है। जिससे परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से हो सके। हर जिले में नोडल अधिकारी ही इंटरनेट बंद रखने के साथ ही अन्य प्रशासनिक फैसले ले सकेगा।
Rakhee Hajela, [24.09.21 18:04]शिक्षामंत्री ने कहा कि राजस्थान में 26 सितंबर को होने जा रही रीट परीक्षा अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा है। जिसमें 31 हजार पदों के लिए दो पारियों में 25 लाख से परीक्षा ज्यादा अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। ऐसे में सरकार के साथ आम जनता को भी इस परीक्षा को सफल बनाने के लिए एक काम करना चाहिए। परीक्षा के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। जो अपने जिले में परिवहन से लेकर अभ्यर्थियों के भोजन तक की व्यवस्था देखेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ आम जनता को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। तभी प्रदेश के लाखों युवाओं को राहत मिल सकेगी।