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It took three years to prove the freedom fighter’s daughter a citizen. | स्वतंत्रता सेनानी की बेटी को भारत की नागरिकता साबित करने के लिए तीन साल मुकदमा लड़ा

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locationजयपुरPublished: Nov 25, 2023 11:20:11 pm

अफसोस : बांग्लादेशी घुसपैठिया मानकर सेजे बाला घोष को थमा दिया था नोटिस

स्वतंत्रता सेनानी की बेटी को भारत की नागरिकता साबित करने के लिए तीन साल मुकदमा लड़ा

स्वतंत्रता सेनानी की बेटी को भारत की नागरिकता साबित करने के लिए तीन साल मुकदमा लड़ा

गुवाहाटी. आजादी के लिए लडऩे वाले दिगेंद्र चंद्र घोष की 73 वर्षीय बेटी को भारत की नागरिकता साबित करने के लिए तीन साल मुकदमा लडऩा पड़ा। अब सेजे बाला घोष यह साबित कर सकी कि वह भारत की नागरिक हैं, बांग्लादेशी घुसपैठिया नहीं। मार्च 2020 में उन्हें फॉरेन ट्राइब्यूनल की ओर से नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद तीन साल लंबी कानूनी लड़ाई चली। इसी सप्ताह उन्हें ट्राइब्यूनल के आदेश की कॉपी मिली है, जिसमें उन्हें भारत की नागरिक माना गया है।
नागरिक साबित होने के बाद वह खुश हैं, लेकिन वह कहती हैं, सवाल उठना ही अपमान था। घोष कहती हैं कि मेरी नागरिकता पर सवाल उठना मेरे पिता के बलिदान का अपमान था। उन्हें भारतीय घोषित करना ही काफी नहीं है। भगवान सब देख रहा है। वह अपमानित महसूस कर रही हैं। उन्होंने बताया कि मेेरे पिता ने आजादी के आंदोलन में हिस्सा लिया था। वह चंद्रशेखर आजाद के करीबी सहयोगी थे। लेकिन आजादी के सात दशक बाद उनकी बेटी को घुसपैठिया बताया जा रहा है। यह शर्म की बात है।

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