It Will Be Cheaper To Watch Cable Tv Channels – केबल टीवी चैनल देखना होगा सस्ता, 19 की बजाय अधिकतम 12 रुपए होगा चैनल शुल्क

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण की लागू करने की कवायद

जयपुर। केबल व डीटीएच के जरिए मन पसंदीदा चैनल देखने की सहुलियत अब और सस्ती होगी। इसके तहत उपभोक्ता यदि पैकेज की बजाय मनचाहे चैनल (अ-ला-कार्ट के तहत) देखना चाहता है तो उसे अधिकतम 12 रुपए ही देने होंगे। यह दर पहले तक अधिकतम 19 रुपए प्रति चैनल थी। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के मुताबिक कोर्ट आदेश के बाद ब्रॉडकास्टर्स को चैनलों के दाम और बकेट (ग्रुप चैनल) दर में बदलाव करना होगा। इसके लिए ब्रॉडकास्टर्स को निर्धारित मियाद में इसे लागू करने के लिए कहा जा रहा है। हालांकि, पैकेज लेने पर यह दर लागू नहीं होगी। ट्राई के स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक न्यू टैरिफ आॅर्डर के खिलाफ ब्रॉडकास्टर्स कोर्ट में गए थे लेकिन इस मामले में यही प्रभावी होगा।
अनिवार्य चैनल नहीं होंगे एनसीएफ का हिस्सा
ट्राई राजस्थान के अधिकारियों के मुताबिक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जिन चैनलों को अनिवार्य घोषित किया है, उन्हें नेटवर्क केपेसिटी फीस (एनसीएफ) चैनलों की संख्या में नहीं गिना जाएगा। इसके अलावा एक से ज्यादा टीवी वाले घरों में दूसरे कनेक्शन पर एनसीएफ पहले कनेक्शन के 40 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकेगा। साथ ही ट्राई की ओर से वितरण प्लेटफार्म परिचालकों (डीपीओ) को लंबी अवधि यानि छह महीने या अधिक के सब्सक्रिप्शन पर रियायत देने की भी अनुमति दी जाएगी।
किसके कितने उपभोक्ता
-9 मल्टी सिस्टम आॅपरेटर (एमएसओ) हैं यहां
-350 केबल आॅपरेटर कर रहे हैं काम
-1.25 लाख उपभोक्ता हैथवे एमएसओ के
-70 हजार बॉक्स होम टीवी
-30-30 हजार सिटी केबल, जीटीपीएल, डेन से जुड़े हुए
-3 लाख बॉक्स लगे हुए हैं शहर में
(इसके अलावा डीटीएच के उपभोक्ता अलग है। यह जयपुर शहर का आंकड़ा है, प्रदेश में कई गुना है)
इसका भी समाधान जरूरी : 24 घंटे सेवा तो राउंड-द-क्लॉक समाधान क्यों नहीं
जहां-जहां भी चौबीस घंटे काम हो रहा है वहां रात को अलग से स्टॉफ की व्यवस्था रहती है, लेकिन केबल प्रसारण मामले में ऐसा नहीं है। शाम सात बजे बाद तो केबल प्रसारण बाधित होने पर ठीक अगले दिन ही होगा। उपभोक्ताओें का कहना है कि कम से कम रात 10 बजे तक तो स्टॉफ रहना चाहिए, लेकिन ऐसा भी नहीं है।