जैन तीर्थ प्रतिष्ठा महोत्सव: जैन समाज का यह है खास मंदिर, देशभर से पहुंचते हैं श्रद्धालु

Agency: Rajasthan
Last Updated:February 25, 2025, 18:06 IST
पाली जिले के सेसली गांव में 108 पार्श्वनाथ जैन तीर्थ प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन हो रहा है, जिसमें देशभर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. 900 साल पुराने पार्श्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है.X
भव्य वरघोड़ा निकाला गया
हाइलाइट्स
पाली जिले के सेसली गांव में 108 पार्श्वनाथ जैन तीर्थ महोत्सव हो रहा है.900 साल पुराने पार्श्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है.देशभर से हजारों श्रद्धालु महोत्सव में शामिल हो रहे हैं.
पाली. पाली जिले में आने वाले बाली के सेसली गांव में आयोजित होने वाले जैन समाज के इस बड़े आयोजन में देशभर से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है. 3 मार्च तक चलने वाले इस आयोजन के पहले दिन बाली में भव्य वरघोड़ा निकाला गया जो काफी आकर्षण का केंद्र रहा. बाली उपखंड क्षेत्र के सेसली गांव जो कि अब सेसली तीर्थ के नाम से अपनी पहचान देशभर में रखता है. यहां साल में एक बार 108 पार्श्वनाथ जैन तीर्थ प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित किया जाता है जिसकी शुरुआत हो चुकी है और देशभर से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला चल रहा है. आपको बता दें कि गोडवाड़ क्षेत्र में जैन मंदिरों की अनूठी परंपरा रही है. यह क्षेत्र अपनी अद्भुत वास्तुकला और चमत्कारी प्रतिमाओं के लिए प्रसिद्ध है. सेसली गांव में 900 साल पहले पार्श्वनाथ मंदिर बना था.
कुंभ दीपक स्थापना और वेदिका पूजन का आयोजन किया गया. शाम को पाश्र्व पंचकल्याणक पूजा और भक्ति भावना कार्यक्रम हुआ. पूरा गांव रोशनी से जगमगा रहा है और मंदिर परिसर में जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है. महोत्सव के लिए मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया गया है. जगह-जगह फूलों से सजे मंडप और स्वागत द्वार बनाए गए हैं. आकर्षक रोशनी की व्यवस्था की गई है. देशभर से हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं.
1 से 3 मार्च तक रहेंगे यह विशेष आयोजनकार्यक्रम के अगले चरण में यात्रिक भवन का उद्घाटन होगा. साथ ही निवाहिका महोत्सव भी शुरू होगा. 1 मार्च को दीक्षा कल्याणक वरघोड़ा निकाला जाएगा. 2 मार्च को पावन प्रतिष्ठा होगी. महोत्सव का समापन 3 मार्च को द्वारोद्घान के साथ होगा.
900 साल पुराना है यह खास मंदिरआपको बता दें गोडवाड़ क्षेत्र में जैन मंदिरों की अनूठी परंपरा रही है. यह क्षेत्र अपनी अद्भुत वास्तुकला और चमत्कारी प्रतिमाओं के लिए प्रसिद्ध है. सेसली गांव में 900 साल पहले पार्श्वनाथ मंदिर बना था. अब 10 साल के जीर्णोद्धार के बाद यह नए स्वरूप में तैयार है. भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा विराजमान की गई है. इसे मोक्षदायक और धनदायक माना जाता है. मीठड़ी नदी के किनारे बने इस मंदिर में श्री सेसली पार्श्वनाथ प्रभु की प्रतिमा विराजित है. पद्मासन मुद्रा में यह 23 इंच ऊंची और 19.9 इंच चौड़ी है.
2250 साल पुरानी है यहां प्रतिमामूलनायक श्री पार्श्वनाथ प्रभु की प्रतिमा मौर्य सम्राट संप्रति महाराज के काल की मानी जाती है. यह प्रतिमा 2250 साल पुरानी है. इसमें सूक्ष्म नक्काशी, भव्य गुंबद और कलात्मक स्तंभ हैं. दीवारों और गुंबदों पर तीर्थंकरों की कथाएं उकेरी गई है. हर कोने में धार्मिक कथाओं से प्रेरित मूर्तियां हैं. मंदिर का मुख्य शिखर वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है.
इस मंदिर की यह है खास बातदिलचस्प बात यह भी है कि गांव में एक भी जैन परिवार नहीं है. फिर भी देशभर में फैले जैन समाज के लोगों ने मंदिर का भव्य जीर्णोद्धार करवाया. मंदिर रणकपुर और देलवाड़ा शैली की उत्कृष्ट शिल्पकला में निर्मित हुआ है. सफेद संगमरमर से बना यह मंदिर करीब 18 करोड़ की लागत से तैयार हुआ. नक्काशी और निर्माण कार्य ओडिशा के कारीगरों ने किया है. मंदिर में रणकपुर और देलवाड़ा शैली की झलक है.
Location :
Pali,Pali,Rajasthan
First Published :
February 25, 2025, 18:06 IST
homedharm
जैन तीर्थ प्रतिष्ठा महोत्सव: इस खास मंदिर में देशभर से पहुंचते हैं श्रद्धालु