jaipur | गैंगस्टर कुलदीप जघीना की हत्या का मामला : पहली जयपुर जेल की चूक, फिर अनुसंधान अधिकारी और भरतपुर पुलिस की

जयपुरPublished: Jul 25, 2023 08:20:02 pm
जांच रिपोर्ट में सुझाव भी दिए, ताकि ऐसी घटना फिर से न हो
जयपुर. पुलिस कस्टडी में रोडवेज बस में सवार गैंगस्टर कुलदीप जघीना की हत्या के मामले में पुलिस मुख्यालय के आईजी प्रफुल्ल कुमार ने जांच रिपोर्ट महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा को सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक जांच रिपोर्ट में जयपुर जेल, अनुसंधान अधिकारी और रोडवेज बस को एस्कोर्ट करने वाली भरतपुर पुलिस की कमियां बताई गई है। जबकि भविष्य में ऐसी घटनाएं फिर से न हो, इसके लिए सुझाव भी दिए हैं। यह सुझाव दिए पेशी पर ले जाने वाले बंदियों की तस्दीक कर ली जाए कि वे हार्डकोर हैं या नहीं। यात्री वाहनों में सुरक्षा पहले सुनिश्चित की जानी चाहिए। गैंगस्टर कुलदीप को ले जाने वाले दो चालानी गार्डों के पास बस में एसएलआर थी, जो किसी काम की नहीं थीं। बस में एसएलआर नहीं चलाई जा सकती थी। चालानी गार्डों को छोटे हथियार दिए जाने चाहिए था। हार्डकार अपराधी को पेशी पर ले जाने के दौरान पुलिस वाहन का ही उपयोग करना चाहिए और सभी चालानी गार्डों के पास जरूरत के मुताबिक अलग-अलग हथियार होने चाहिए।
1 – पहली गलती जयपुर जेल कर्मियों से : भतरपुर पुलिस ने भाजपा नेता कृपाल सिंह जघीना की हत्या के मामले में गैंगस्टर मुख्य आरोपी कुलदीप जघीना सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलस ने आरोपियों को भरतपुर जेल में छोड़ा तब उन्हें हार्डकोर अपराधी बताया था। भरतपुर जेल में गैंगवार की आशंका पर गैंगस्टर कुलदीप व उसके साथी को करीब पांच माह पहले जयपुर जेल में शिफ्ट किया गया। भरतपुर जेल ने आरोपियों को हार्डकोर बताया था, लेकिन जयपुर जेल कर्मियों ने यहां रिकॉर्ड में लेते समय हार्डकोर शब्द को नजरअंदाज कर दिया और सामान्य बंद की तरह उन्हें रिकॉर्ड में लिया। इसके चलते जयपुर जेल से भरतपुर पेशी पर हर बार सामान्य बंदी के हिसाब से उन्हें भरतपुर ले जाया जा रहा था। जयपुर जेल ने रिकॉर्ड में हार्डकोर नहीं लिखकर यह बड़ी चूक की।