Rajasthan

jaipur | जोन चार के अधिकारी बोले – मंदिर में चढ़ावा देने आते हैं तो कौन मना करता है

एसीबी का तर्क : गिरफ्त में आए जेईएन और एएओ का मोबाइल रिसीव नहीं हुआ, बार-बार बुलाने पर नहीं आए तो उपायुक्त को हुआ संदेह

जयपुर

Published: February 07, 2022 10:03:48 pm

जयपुर. एसीबी की जेडीए जोन चार कार्यालय में कार्रवाई के दौरान गिरफ्त में आए एक अधिकारी ने कहा कि मंदिर में चढ़ावा देने आते हैं तो कौन मना करता है। परिवादी खुद रिश्वत देने आया था। एएसपी बजरंग सिंह शेखावत ने कहा कि आरोपी एसीबी टीम को ही नसीहत देने लगे। उन्होंने कहा कि सोमवार दोपहर करीब एक बजे जेईएन श्याम मालू संविदा पर लगे ऑपरेटर अखिलेश मोर्य को अपने साथ कार्यालय के नीचे भूतल पर बनी पार्किंग में ले गया। यहां पर परिवादी को बुला लिया और परिवादी को रिश्वत के एक लाख रुपए ऑपरेटर को दिलवा दिए। इसके बाद एएओ विजय मीणा ने कार्यालय में 10 हजार रुपए ले लिए। दोनों को एसीबी टीम अपने साथ पकड़ ले गई। जेडीए में इसकी किसी को भनक भी नहीं लगने दी।

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पुलिस अफसर के कारण नहीं हो सकी कार्रवाई परिवादी जोन उपायुक्त ममता यादव को रिश्वत के 2 लाख रुपए देने पहुंचा, लेकिन उपायुक्त के पास एक पुलिस उपाधीक्षक बैठे थे। करीब एक घंटे तक उपाधीक्षक कार्यालय में बैठे रहे। इसके चलते परिवादी उपायुक्त से नहीं मिल सका। पुलिस उपाधीक्षक के जाने के बाद उपायुक्त यादव के पास परिवादी पहुंचा। लेकिन उपायुक्त यादव बार-बार जेईएन और एएओ को फोन लगा रही थी। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को बुलाकर उनको लाने के निर्देश दिए। लेकिन दोनों को एसीबी टीम अपने साथ पहले ही ले गई थी। जब दोनों नहीं आए। तब उपायुक्त यादव ने रविवार तक रिश्वत की राशि लेने की कहकर परिवादी को लौटा दिया।

मैं तीन लाख रुपए लूंगा… एएसपी बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि सत्यापन के दौरान जोन उपायुक्त ममता यादव के रिश्वत राशि मांगने की पुष्टि हो गई। उपायुक्त ममता यादव ने जेईएन को बुलाकर परिवादी से मिलाया और उसके साथ भेज दिया। जेईएन ने बाहर आकर परिवादी से पट्टे बनाने के लिए 3 लाख रुपए खुद के लिए मांगे। जेईएन ने कहा कि मैडम से क्या बात हुई और मैडम क्या लेंगी, उससे मुझे मतलब नहीं है। आरोपी जेईएन रिश्वत के तीन लाख रुपए में से सोमवार को एक लाख रुपए वसूल रहा था। जोन के अन्य अधिकारी-कर्मचारियों से बात करने का आश्वासन दिया।

छह माह से चक्कर कटवा रहे थे परिवादी ने बताया कि जेडीए में पट्टे बनवाने के लिए छह माह से चक्कर लगा रहा था। परिवादी ने कहा कि रिश्वत की राशि का सौदा तय होने के बाद उनके पट्टों की फाइल दौडऩे लगी।

कार्रवाई की सफलता पर एडीजी एमएन पहुंचे जेडीए में एसीबी की कार्रवाई की सफलता के बाद एडीजी दिनेश एमएन भी वहां पहुंच और टीम का नेतृत्व कर रहे एएसपी बजरंग सिंह शेखावत सहित अन्य सदस्यों की सराहना की।

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