JAIPUR DISCOM JAIPUR HIGHRISK POINTS – डेढ़ लाख हाइरिस्क पॉइंट्स, 10,000 से अधिक पर सुधार होना बाकी

राजधानी में बिजली के दस हजार से अधिक ऐसे हाइरिस्क पॉइंट्स (high risk points) है, जिन पर सुधार का काम होना बाकी है। अब जयपुर डिस्काॅम (Jaipur Discom) ने 31 अगस्त तक इन हाइरिस्क पॉइंट्स को सुधारने का टारगेट दिया हैै। जयपुर डिस्कॉम में 1 लाख 46 हजार 628 हाईरिस्क पॉइन्ट्स चिह्नित किए गए, जिनमें अभी तक 1 लाख 37 हजार पॉइन्ट्स पर सुधार का काम पूरा करने का दावा किया जा रहा है।

डेढ़ लाख हाइरिस्क पॉइंट्स, 10,000 से अधिक पर सुधार होना बाकी
— राजधानी में हाइरिस्क पॉइंट्स
— एक लाख 37 हजार पॉइंट्स पर सुधार का दावा
जयपुर। राजधानी में बिजली के दस हजार से अधिक ऐसे हाइरिस्क पॉइंट्स (high risk points) है, जिन पर सुधार का काम होना बाकी है। अब जयपुर डिस्काॅम (Jaipur Discom) ने 31 अगस्त तक इन हाइरिस्क पॉइंट्स को सुधारने का टारगेट दिया हैै। जयपुर डिस्कॉम में 1 लाख 46 हजार 628 हाईरिस्क पॉइन्ट्स चिह्नित किए गए, जिनमें अभी तक 1 लाख 37 हजार पॉइन्ट्स पर सुधार का काम पूरा करने का दावा किया जा रहा है।
जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेशक नवीन अरोड़ा ने बताया कि हाइरिस्क पॉइंट्स को 31 अगस्त तक सुधारने का समय दिया गया। पाॅवर ट्रांसफार्मर और वितरण ट्रांसफार्मर के जलने के कारणों की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि अब पाॅवर ट्रांसफार्मर के जलने पर सम्बन्धित अधिशाषी अभियन्ता जिम्मेदार होंगे। जयपुर डिस्काॅम क्षेत्र में 33/11 केवी सब-स्टेशन है, जो अनुबन्ध पर दे रखे है, उनका सेफ्टी अधिकारी निरीक्षण करेगें। साथ ही कार्यादेश के अनुसार कार्य कराने की पालना करवाएंगे। 1 सितम्बर से सभी सब-स्टेशनों का सेफ्टी अधिकारियों की ओर से
निरीक्षण किया जाएगा। सहायक अभियन्ता स्तर पर सुरक्षा सम्बन्धी उपकरणों का अलग से स्टाक रजिस्टर बनाया जाएगा। सभी सब-स्टेशनों एवं लाइन पर प्लेट लगाई जाएगी, जिस पर फीडर का नाम लिखा जाएगा, जिससे गलत फीडर पर कार्य नहीं हो सकेंगे।