Jaipur News : पहली बार टैक्स न जमा कराने वाले डेयरी बूथ को सीज़ करने की कार्रवाई

जयपुर. बकाया टैक्स न जमा कराने पर आपने अक्सर प्रॉपर्टी तो सीज़ होते हुए देखा होगा. लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा कि बकाया टैक्स (Tax) न जमा कराने पर अब पहली बार डेयरी बूथ (Dairy booth) भी सीज़ होना शुरू हो गए हैं. जयपुर में ग्रेटर नगर निगम (Greater Nagar Nigam) ने इसकी शुरुआत कर दी है. डेयरी संचालक निगम को टैक्स जमा कराने में कोई रुचि नही दिखाते हैं. दरअसल, अपनी बिगड़ी माली हालत को सुधारने के लिए जयपुर में अब ग्रेटर निगम बकायदारों की संपत्तियों को कुर्क करेगा.
डेयरी बूथ संचालकों पर भी चलेगा वसूली का डंडा
ख़ास बात ये है कि नगरीय विकास कर के बकायदारों पर तो ये कार्रवाई होगी ही. साथ ही अबकी बार सरस डेयरी के उत्पाद बेचने वाले डेयरी बूथ संचालकों पर भी ये चालकों ने नगर निगम का सालाना जमा होने वाला टैक्स जमा नहीं करवाया है, उन डेयरी बूथ को सीज़ करने की कार्रवाई ग्रेटर निगम ने शुरू कर दी है.
आधे से ज्यादा बूथ संचालकों ने जमा नहीं कराया टैक्स
हर डेयरी बूथ के पेटे निगम में सालाना 12 हजार रूपये जमा करवाने होते हैं. ग्रेटर नगर निगम इलाके में करीब 900 से ज्यादा डेयरी बूथ वर्तमान में हैं. लेकिन, इनमें से 578 डेयरी बूथ का ऑनलाइन रिकॉर्ड ही निगम के पास है. लेकिन 578 में से भी सिर्फ 227 डेयरी बूथ ने ही टैक्स जमा करवाया हुआ है.
अधिकारियों को दिए सीज़ के निर्देश
ग्रेटर नगर निगम की राजस्व शाखा के उपायुक्त नवीन भारद्वाज के मुताबिक बीते दिनों निगम आयुक्त ने ऐसे डेयरी बूथ पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे. जिसके बाद सभी जोन के अधिकारियों को इसके लिए निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे बूथ संचालकों से टैक्स वसूला जाए अन्यथा बूथ को सीज करने की कार्रवाई की जाए.
लाखों का राजस्व मिलने की उम्मीद
ग्रेटर नगर निगम ने दो डेयरी बूथ को सीज़ कर कार्रवाई शुरू भी कर दी है. जिसके बाद संचालकों ने बकाया टैक्स भी जमा करवा दिया है. निगम को उम्मीद है कि डेयरी बूथ का बकाया टैक्स वसूलने से ही निगम को लाखों रुपये का राजस्व हासिल हो जाएगा.
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