Rajasthan

Jaipur News: क्या आपने देखी हैं इतने सारे नोटों की गड्डियां एक साथ? जयपुर में तो एक ही जगह ही मिल गई

जयपुर. जयपुर शहर की कई फर्मों पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) ने शुक्रवार को सर्च की कार्रवाई की. DGGI ने शहर में लुब्रीकेटिंग ऑयल की 5 फर्मों पर एक साथ छापामारी की. इनके ठिकानों पर गुप्त तौर पर बिना ऑयल सप्लाई के ही नकली बिल बनाए जा रहे थे. इस धोखाधड़ी से 10 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है. सर्च ऑपरेशन के दौरान एक रिफाइनर के परिसर में 4 करोड़ रुपये की नकदी मिली. वहीं 1.5 करोड़ रुपये और बरामद किए गए हैं. फिलहाल इस मामले में डीजीजीआई की जांच जारी है.

DGGI जयपुर की जोनल यूनिट ने खुफिया जानकारी के आधार पर तकरीबन 10 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी है. DGGI ने राजधानी के कई इलाकों में कार्रवाई करते हुए लुब्रिकेंट ऑयल के व्यापारी मैसर्स दीपक एंटरप्राइजेज और मेसर्स रैक्सी लुबर्स के साथ-साथ लुब्रिकेटिंग ऑयल रिफाइनर मैसर्स महावीर केमिकल इंडस्ट्रीज, मैसर्स माहेश्वरी पेट्रोकेमिकल्स और मैसर्स ओम इंडस्ट्रीज के परिसरों में तलाशी ली.

तकरीबन 10 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई हैतलाशी के दौरान DGGI के अधिकारियों को टैक्स चोरी के एक नए तरीके का पता चला. लुब्रिकेटिंग ऑयल के व्यापारी गुप्त रूप से ब्रांडेड लुब्रिकेटिंग ऑयल को बिना किसी को सप्लाई किए फर्जी बिल बनाकर खुर्द-बुर्द कर रहे थे. वे इन बिलों के जरिए बिना बिल लिए गए यूज्ड ऑयल को कवर कर रहे थे. अधिकारियों के मुताबिक इन फर्मों से मिले कागजात के आधार पर पता लगाया गया है कि तकरीबन 10 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की गई है.

साढ़े पांच करोड़ रुपये बरामद हुएइस दौरान एक रिफाइनर के आवासीय परिसर से 4 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं. इसके अलावा 1.5 करोड़ रुपये दूसरी जगह से मिले हैं. डीजीजीआई की टीमें इनका पूरा हिसाब किताब खंगालने में जुटी है. डीजीजीआई को शक है कि इस घालमेल में और भी कई तरह की अनियमितताएं सामने आ सकती है. पूरे मामले की गहनता से छानबीन की जा रही है. उसमें और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.

FIRST PUBLISHED : December 14, 2024, 07:06 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj