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JAIPUR SMART CITY WORK BARAMADA REPAIR – बारिश सिर पर, बरामदे उधेड़ कर छोड़े

मानसून ने दस्तक दे दी है, लेकिन पिछले साल होने वाला बरामदों की मरम्मत (repair of porches) का काम (smart city work) अभी भी आधा—अधूरा पड़ा है। स्मार्ट सिटी (smart city) ने कई बाजारों में बरामदों की छतें उधेड़ कर छोड़ दी है, जिससे बारिश में दुकानों में पानी भरने लगा है। व्यापारी परेशान है। मलबा बरामदों और सड़क पर पड़ा हुआ है, इससे राहगीर दुखी है।

बारिश सिर पर, बरामदे उधेड़ कर छोड़े

— परकोटे के बाजारों में चल रहा स्मार्ट सिटी के तहत काम
— बरामदों की मरम्मत का हो रहा है काम
— 11 करोड़ रुपए का बजट, 9 बाजारों में चल रहा काम

जयपुर। मानसून ने दस्तक दे दी है, लेकिन पिछले साल होने वाला बरामदों की मरम्मत (repair of porches) का काम (smart city work) अभी भी आधा—अधूरा पड़ा है। स्मार्ट सिटी (smart city) ने कई बाजारों में बरामदों की छतें उधेड़ कर छोड़ दी है, जिससे बारिश में दुकानों में पानी भरने लगा है। व्यापारी परेशान है। मलबा बरामदों और सड़क पर पड़ा हुआ है, इससे राहगीर दुखी है। बारिश से पहले होने वाला काम, अब लोगों के लिए दुविधा बनता जा रहा है। इससे व्यापारियों में आक्रोश पैदा होने लगा है।

स्मार्ट सिटी के तहत परकोटे के 9 बाजारों में बरामदों की मरम्मत का काम पिछले साल शुरू किया गया, जो 6 माह में पूरा होना था, लेकिन स्मार्ट सिटी की कछुआ चाल ने सालभर में भी काम पूरा नहीं हो पाया है। अब बारिश आ गई है और बरामदों की छतें उधड़ी पड़ी है। इससे व्यापारियों में आक्रोश पैदा होने लगा है। व्यापारियों की मानें तो काम की धीमी रफ्तार की शिकायतें करने के बाद भी नगर निगम और स्मार्ट सिटी में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इन बाजारों में बरामदों की मरम्मत के लिए करीब 11 करोड़ रुपए का बजट खर्च होना है।

3000 दुकानों के बरामदों की छतें टूटी
जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने बताया कि 3000 दुकानों के बाहर बरामदों की छत टूटी हुई है। इसमें 400 से 500 दुकानों के बाहर नए बरामदें बनने है। अभी तक 50 फीसदी बरामदें भी ठीक नहीं हुए है।

इन बाजारों में चल रहा काम
चांदपोल बाजार, त्रिपोलिया बाजार, किशनपोल बाजार, गणगौरी बाजार, जौहरी बाजार, घाटगेट बाजार, नेहरू बाजार, बापू बाजार और संजय बाजार

दुकानदार परेशान

त्रिपोलिया बाजार में दुकानदार अशोक अग्रवाल ने बताया कि 7 दिन पहले छत उधेड़ दी, मलबा दुकान के आगे पटक रखा है। इससे आने—जाने वालों को परेशानी हो रही है। अग्रवाल का कहना है कि छत उधेड़ने से उनकी दुकान में पानी आ गया, जिससे करीब 15 से 20 हजार रुपए की किताबें भीग गई। लाइट व टेलीफोन के तार तोड़ दिए, करंट आने का डर बना हुआ है। वहीं टेलीफोन बंद पड़ा है, कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

त्रिपोलिया बाजार के दुकानदार पवन अग्रवाल ने बताया कि बरामदों के पिल्लरों के बीच मठोट टूटा हुआ है, बड़ी—बड़ी दरारें पड़ी हुई है, जिसे तो ठीक किया नहीं, छत उधेड़ दी। इसका मलबा भी बाहर पड़क रखा है। मेरी मिठाई की दुकान है, खाने—पीने की चीजे खराब हो रही है। 5 से 7 दिन हो गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

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