Rajasthan

कोरोना में बिगड़ा IIT जोधपुर का प्लेसमेंट, लेकिन 62 फीसदी बढ़ी पास आउट की संख्या

जोधपुर. कोरोना महामारी के असर से कोई भी सेक्टर अछूता नहीं रहा. सभी सेक्टर में इसका व्यापक असर देखने को मिला. नौकरी, पढ़ाई या व्यापर सब को कोरोना की जोरदार मार पड़ी. राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर (Jodhpur) में स्थित राज्य का सबसे बड़ा तकनिकी शिक्षण संस्थान “भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान” (IIT) में हर वर्ष संस्थान से ही विद्यार्थियों को मिलने वाले प्लेसमेंट पर भी इसका असर देखने को मिला. पिछले तीन वर्ष में प्लेसमेंट का आंकड़ा नीचे आया लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही की संस्थान से वर्ष 2020-21 में कोर्स खत्म कर पास आउट होने वाले विद्यार्थियों की संख्या में वर्ष 2018-19 के मुकाबले 62%की बढ़ोतरी देखने को मिली.

कोटा के सामाजिक कार्यकर्ता एवं आई आई टी मंडी के पूर्व कर्मचारी को मिली जानकारी से यह खुलासा हुआ है. सुजीत स्वामी ने सूचना के अधिकार के तहत आईआईटी जोधपुर से वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में विभिन्न कोर्स में पास आउट एवं संस्थान से प्लेसमेंट पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या सम्बन्धी जानकारी मांगी थी, जिसका केंद्रीय लोकसूचना अधिकारी ने जवाब दिया. दिए गए जवाब से पता चला की संस्थान के ओवरआल प्लेसमेंट में गिरावट देखने को मिली. ओवरआल प्लेसमेंट वर्ष 2018-19 में 42%, वर्ष 2019-20 में 40% एवं वर्ष 2020-21 में 38% रह गया.कोर्स वाइज प्लेसमेंट बात करे तो बीटेक का प्लेसमेंट इन तीनो वर्षो में 60%,65% एवं 62%, एमटेक का 50%,33% एवं 29% तथा एमएससी का 13%, 12% एवं 02% एवं पीएचडी का तीनो वर्ष शुन्य रहा. बीटेक में सबसे अधिक प्लेसमेंट कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग का रहा जबकि सबसे कम सिस्टम साइंस का रहा.

ऑनलाइन पढ़ाई का असर
कोरोना काल में जब संस्थान में पढाई एवं परीक्षा ऑनलाइन मोड में हुई तो इसका सीधा फायदा विद्यार्थियों को होता दिखा और पीएचडी कोर्स को छोड़कर संस्थान के तीनो कोर्स में इस वर्ष पास आउट होने वाले विद्यार्थियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली. वर्ष 2018-19 के मुकाबले वर्ष 2020-21 में 62% अधिक विद्यार्थियों ने संस्थान से कोर्स पूरा कर उपाधि हासिल की. वर्ष  इन तीनो वर्षो में पास आउट होने वाले विद्यार्थियों की संख्या क्रमश: 224, 232 एवं 362 रही. बीटेक कोर्स में 121,117 एवं 170 एमटेक कोर्स में 30, 33 एवं 105 एमएससी कोर्स में 45,51 एवं 66 तथा पीएचडी में 28, 31 एवं 21 रही.

इन कोर्स के प्लेसमेंट पर भी ध्यान देने की मांग
सुजीत स्वामी ने कहा की कोरोना काल में प्लेसमेंट गिरने का कारण पुरे विश्व की आर्थिक व्यवस्था का डामाडोल होना, लम्बे लॉक डाउन का चलना, प्रॉपर कनेक्टिविटी का न हो पाना, कंपनी की आवश्यक्ताओ की पूर्ति नहीं हो पाना आदि हो सकता है. इसके अलावा सिर्फ सैद्धांतिक पढ़ाई का ही ऑनलाइन मोड़ में संचालन हो पाया प्रायोगिक शिक्षा से सम्बंधित विषयो का ज्ञान विद्यार्थियों को प्रयोगशाला की अनुपस्थिति में हुआ अत: गुणवत्ता में भी गिरावट ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से देखने को मिली. इसी के साथ , संस्थान में बीटेक के अलावा चलने वाले कोर्स के विद्यार्थियों के लिए भी प्लेसमेंट के उचित अवसर उपलब्ध करवाने चाहिए. प्रत्येक उस विद्यार्थी को प्लेसमेंट दिलवाने के लिए संस्थान को भरसक प्रयास करना चाहिए जो प्लेसमेंट चाहता हो भले वो किसी भी कोर्स का हो. एम टेक एवं एमएससी के प्लेसमेंट में आयी गिरावट इसी का नतीजा हो सकता है.

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj