जालोर के इंजीनियरिंग छात्र ने घर में बनाई मिनी लैब और तैयार किया बोलने वाला रोबोट, सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल

Last Updated:November 27, 2025, 18:32 IST
जालोर जिले के दांतीवास गांव में 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र संजय मेघवाल ने घर के छोटे से कमरे में पुरानी मशीनों और इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स से एक बोलने वाला रोबोट तैयार किया है. तीन साल की मेहनत से बना यह रोबोट वॉइस कमांड और मोबाइल ऐप से चलता है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह इनोवेशन संजय के इसरो वैज्ञानिक बनने के सपने की ओर एक मजबूत कदम है.
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जालोर. जिले के दांतीवास गांव से एक प्रेरणादायक इनोवेशन की कहानी सामने आई है, यहां के 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र संजय मेघवाल ने घर के एक छोटे से कमरे को मिनी लैब में बदलकर ऐसा बोलने वाला रोबोट तैयार किया है, जो न केवल इंसानों की आवाज समझता है बल्कि सवालों के जवाब भी देता है. इसरो का सपना लिए आगे बढ़ रहे संजय ने देसी तकनीक से रोबोट बनाया, बचपन से ही संजय को मशीनों को खोलने और जोड़ने का शौक रहा है. कई बार उन्होंने घर के पुराने उपकरण तोड़ भी दिए, लेकिन उनका जज्बा कभी कमजोर नहीं हुआ. 12वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान उनके मन में यह विचार आया कि क्यों न एक ऐसा रोबोट बनाया जाए, जो उनके खुद के गांव में, उनके खुद के प्रयास से तैयार हो.
संजय ने पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, टूटे हुए मोबाइल, खराब मोटरों, सेंसर और माइक्रोकंट्रोलर की मदद से यह रोबोट तैयार किया. पूरे तीन साल की लगातार मेहनत और आत्म-अध्ययन के बाद यह रोबोट अब पूरी तरह काम कर रहा है. यह रोबोट मोबाइल ऐप और वॉइस कमांड से कंट्रोल होता है, एक बार चार्ज करने पर यह 4 से 5 दिन तक काम करता है और इसकी ऊंचाई लगभग 4.5 फीट है.
सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा संजय का यह इनोवेशन
इंजीनियरिंग छात्र संजय मेघवाल ने लोकल18 को बताया कि, “बचपन से मुझे मशीनों का बहुत शौक रहा है. जब मैं टीवी या मोबाइल में देखता था कि ज़्यादातर रोबोट विदेशों में बनाए जाते हैं, तो मुझे लगा कि अगर बाहर के लोग ये बना सकते हैं, तो हम भारत में क्यों नहीं बना सकते? इसी सोच के साथ मैंने इस पर काम शुरू किया. मैंने खुद प्रोग्रामिंग सीखी, डिजाइन तैयार किए और पार्ट्स जोड़कर यह रोबोट बनाया. इसकी लागत करीब 30 से 50 हजार आई, जबकि बाजार से बनवाने पर 1 लाख से ज्यादा खर्च आता. मेरा सपना है कि आगे चलकर मैं इसरो में जाकर देश के लिए काम करूं और भारत का नाम रोशन करूं.”
संजय का यह इनोवेशन सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है, गांव के युवाओं के लिए वे अब प्रेरणा बन चुके हैं. उनके माता-पिता भी उनके जुनून और मेहनत पर गर्व महसूस करते हैं. उनके पिता बैंक में काउंटर पर कार्यरत हैं, जबकि उनकी मां आंगनबाड़ी में आशा सहयोगिनी हैं, दोनों ने हर कदम पर संजय का हौसला बढ़ाया.
Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें
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Location :
Jalor,Rajasthan
First Published :
November 27, 2025, 18:32 IST
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जालोर के इंजीनियरिंग छात्र ने देसी तकनीक से बनाया बोलने वाला रोबोट



