JEE Topper Story: बेटे के लिए मां ने छोड़ी नौकरी, अब JEE मेन में लाया नंबर 1 रैंक, 8-9 घंटा करता है पढ़ाई

Last Updated:February 12, 2025, 17:44 IST
JEE Success Story: जेईई मेन टॉप करने वाले एक टॉपर की मां ने तीन साल पहले लेक्चचर की जॉब इसलिए छोड़ दी, ताकि उसका बेटा जेईई की परीक्षा पास करके अपने सपने पूरे कर सके. अब बेटे ने JEE मेन नंबर 1 रैंक हासिल की है.
IIT Admission, JEE Main Result 2025: जेईई टॉपर ओमप्रकाश बेहरा की कहानी.
हाइलाइट्स
ओमप्रकाश बेहरा ने JEE मेन में 300 में से 300 अंक हासिल किए.मां ने बेटे की पढ़ाई के लिए लेक्चरर की नौकरी छोड़ी.ओमप्रकाश रोजाना 8-9 घंटे पढ़ाई करते थे.
JEE Success Story: जेईई मेन परीक्षा में कुल 14 टॉपर्स ऐसे हैं, जिन्होंने 100 परसेंटाइल हासिल किए हैं. इन्हीं में से एक हैं ओमप्रकाश बेहरा. ओमप्रकाश बेहरा ने जेईई मेन जनवरी परीक्षा में 300 में से 300 अंक हासिल किए हैं. ओमप्रकाश बताते हैं कि वह रोजाना 8 से 9 घंटे पढ़ाई करते थे और ध्यान न भटके, इसके लिए वह अपने पास मोबाइल नहीं रखते थे. अब अपने अनुशासन के कारण ओमप्रकाश देश भर के उन युवाओं के लिए मिसाल बन गए हैं, जो जेईई जैसी परीक्षा में सफलता चाहते हैं.
मां ने छोड़ दी नौकरीओमप्रकाश बेहरा मूल रूप से ओडिशा के भुवनेश्वर के रहने वाले हैं, लेकिन पिछले तीन साल से कोटा में रहकर वह जेईई की तैयारी कर रहे थे. उनके पिताजी प्रशासनिक अधिकारी हैं, जबकि उनकी मां स्मिता रानी बेहरा ओडिशा में एजुकेशन विषय की लेक्चरर थीं, लेकिन बेटे की पढ़ाई के लिए उन्होंने तीन साल पहले नौकरी छोड़ दी और बेटे के साथ कोटा रहने लगीं. ओमप्रकाश ने 10वीं की परीक्षा 92 प्रतिशत अंकों से पास की.
एनसीईआरटी सिलेबस पर फोकसओमप्रकाश बेहरा ने बताया कि वह जेईई मेन और एडवांस्ड की तैयारी के दौरान टीचर्स की गाइडलाइंस को फॉलो कर रहे थे. उन्होंने जेईई मेन के लिए एनसीईआरटी सिलेबस पर फोकस किया. ओमप्रकाश ने कहा कि वीकली टेस्ट में मार्क्स का ग्राफ कम-ज्यादा होता रहता है, लेकिन वह अपना बेस्ट देने की कोशिश करते रहते हैं. हर टेस्ट के बाद वह खुद का एनालिसिस करते थे और देखते थे कि किन गलतियों की वजह से उनके नंबर कम आए. अगले टेस्ट में उनकी कोशिश रहती थी कि पुरानी गलतियां न दोहराई जाएं.
8 से 9 घंटे की पढ़ाईओमप्रकाश बेहरा ने बताया कि वह रोजाना 8 से 9 घंटे की पढ़ाई करते हैं और मोबाइल की वजह से भटकाव न हो, इसलिए वह फोन रखते ही नहीं थे. ओमप्रकाश कहते हैं कि सबसे अच्छा तरीका है कि जो हो चुका है, उस पर ध्यान मत दीजिए. अब उनका लक्ष्य आईआईटी मुंबई की सीएस ब्रांच से बीटेक करना है.
First Published :
February 12, 2025, 17:44 IST
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Topper Story: बेटे के लिए मां ने छोड़ी नौकरी, अब JEE मेन में लाया नंबर 1 रैंक