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Jodhpur Central Jail: जोधपुर जेल में औचक निरीक्षण, मोबाइल और प्रतिबंधित सामग्री मिली.

Last Updated:March 23, 2025, 11:14 IST

Jodhpur News: जोधपुर जेल में प्रशिक्षु आईपीएस हेमंत कलाल ने निरीक्षण के दौरान जेल प्रशासन की लापरवाही और बंदियों द्वारा मटकी में मोबाइल छिपाने का खुलासा किया.X
जोधपुर
जोधपुर सेंट्रल जेल प्रशिक्षु आईपीएस हेमंत कलाल ने किया खुलासा 

हाइलाइट्स

जोधपुर जेल में मोबाइल और प्रतिबंधित सामग्री मिली.प्रशिक्षु आईपीएस हेमंत कलाल ने निरीक्षण में लापरवाही पाई.जेल प्रशासन ने सर्च टीम को 20 मिनट तक रोका.

जोधपुर. तिहाड़ के बाद प्रदेश की सुरक्षित जेलों में शुमार जोधपुर केंद्रीय कारागार में मोबाइल समेत कई प्रतिबंधित सामग्री मिलने और बंदियों में झगड़े की चर्चा सुनते रहते हैं, लेकिन अब नया खुलासा हुआ है, जो जेल में बड़े खेल की ओर इशारा कर रहा है.

प्रशिक्षु आईपीएस हेमंत कलाल ने खुलासा किया कि गृह विभाग के निर्देश पर वे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ करीब ढाई माह पहले औचक निरीक्षण करने जोधपुर सेंट्रल जेल गए, प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी हेमंत कलाल, एसडीएम, एडीसीपी और तहसीलदार सहित थानों की टीमें गत 30 जनवरी को जोधपुर सेंट्रल जेल रात्रिकालीन समय सर्च के लिए पहुंचे लेकिन जेल प्रशासन को सूचित किए जाने के बाद भी जेल का दरवाजा करीब 20 मिनट तक नहीं खोला गया. इसके बाद यह सर्च टीम बेरंग लौट गई थी. इसके बाद प्रशिक्षु आईपीएस ने इस मामले की शिकायत पुलिस आयुक्त, जिला कलेक्टर और उच्च अधिकारियों को दी.

शर्मा को धमकी के बाद निरंतर चल रहा सर्च अभियानएसीपी हेमंत ने बताया कि उन्होंने घटना की जानकारी अपने अधिकारियों को दी थी और यह भी बताया कि अंदर बहुत कुछ चल रहा है. बिना जेल प्रशासन के ऐसा संभव नहीं है. हमारे पास पहले 2023 में जेल कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज है. हालांकि, अभी उसमें गिरफ्तारी पर रोक है. दरअसल, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जेल से धमकी भरे फोन किए जाने के बाद प्रदेश की जेलों में नियमित सर्च अभियान चलाया जा रहा है. इस कड़ी में प्रशिक्षु आईपीएस हेमंत कलाल, एसडीएम, एडीसीपी और तहसीलदार और कार्यपालक मजिस्ट्रेट सहित थानों की टीमें गत 30 जनवरी को जोधपुर सेंट्रल जेल में रात्रिकालीन सर्च के लिए पहुंची. जेल प्रशासन को सूचित करने के बावजूद जेल का दरवाजा करीब 20 मिनट नहीं खोला गया.

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इतनी देर में कुछ भी हो सकता हैआईपीएस हेमंत ने बताया कि 30 जनवरी को रात में कार्रवाई करने पहुंची टीम को मौके पर मौजूद जेल इंस्पेक्टर ने भी सहयोग नहीं किया. हमें 20 मिनट खड़ा रखा. कहा कि जेल अधीक्षक साहब नहीं हैं. 20 मिनट इस जेल में बहुत होते हैं. इस जेल में 16 वार्ड हैं. किसी भी सामान को छुपाने के लिए यह समय पर्याप्त है. ऐसे में सर्च का औचित्य नहीं बचता, लिहाजा हम वहां से निकल गए. जेल में ज्वाइंट सर्च होती है, लेकिन इसमें जेल का सहयोग कितना होता है, वह चर्चा का विषय है.

मटकी में छिपाए मोबाइलकलाल ने बताया कि हमने 21 फरवरी को जेल में फिर रेड की. तब वार्ड नंबर 6 के बैरक संख्या 2 में मटकी मिली. मटकी के अंदर मटकी बना रखी थी. मटकी में दूध भरा था. मटकी के नीचे कपड़े को सीमेंट में कवर कर उसमें मोबाइल छिपा रखे थे, जो हमने ढूंढ लिए थे. उन्होंने बताया कि जेल में यह संभव नहीं कि मुल्जिम अपने आप ऐसा कर पाए. इसमें जेल प्रशासन के कुछ लोग मिले होंगे. उन्होंने उदाहरण दिया कि अजमेर जेल में कर्मचारी के जेब से मोबाइल बरामद हुआ था. पहले भी हमारे पास ऐसे मुकदमे आ चुके हैं. जिसमें जेल कर्मचारियों की लिप्तता हो सकती है, किस लेवल तक यह देखना होगा.


Location :

Jodhpur,Jodhpur,Rajasthan

First Published :

March 23, 2025, 11:14 IST

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जोधपुर सेंट्रल जेल की सुरक्षा में भारी चूक, IPS हेमंत किए चौंकाने वाले खुलासे

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