Kabir Jayanti 2023 what lesson should youth take from kabir das life | Kabir Jayanti 2023: संत कबीरदास अपने पुत्र से क्यों थे नाराज, युवाओं को उनके जीवन से लेनी चाहिए कौन सी सीख
भोपालPublished: Jun 04, 2023 04:14:59 pm
भक्तिकाल के कवि कबीर दास का जन्म ज्येष्ठ पूर्णिमा पर वाराणसी के लहरतारा में हुआ था। इन्होंने उस वक्त की कुरीतियों पर करारे कटाक्ष किए हैं। आज के जमाने से इतर असहमत होने पर उन्होंने अपने पुत्र को भी नहीं बख्शा, वहीं उनका जीवन आज के युवाओं को कई तरह की सीख देता है। आइये जानते हैं कि अपने पुत्र से क्यों नाराज हुए संत कबीरदास और उनका जीवन आज के लिए क्या देता है सीख …
संत कबीरदास जयंती पर जानिए क्या ले सकते हैं सीख
कहां हुआ था कबीरदास का जन्म
संत कबीरदास का जन्म सन 1398 ईं. में वाराणसी के लहरतारा में हुआ था। इनके जन्म के विषय में कई किंवदंतियां हैं कुछ विद्वानों का मानना है उनका जन्म एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से हुआ था। जिसने बाद में लोकलाज के भय से उन्हें लहरतारा तालाब के पास फेंक दिया था। वहीं कुछ लोगों का कहना था कबीरदास जन्म से मुसलमान थे, बाद में गुरु रामानंद से उन्हें हिंदू धर्म का ज्ञान हुआ। यह भी किंवदंती है कि इनके पालक माता पिता नीरू और नीमा विवाह के बाद बनारस जा रहे थे, रास्ते में ये कमल के पुष्प में लिपटे मिले।