Kamal Amrohi bluntly replied to Meena Kumari Today I would pick up your purse then slippers story of broken relationship

कमाल अमरोही (Kamal Amrohi) हिंदी सिनेमा के वो निर्देशक हैं, जिन्होंने अपने करियर में सिर्फ 4 फिल्मों का निर्देशन किया, फिर भी उन्हें क्लासिक डायरेक्टर के तौर पर जाना जाता है. ये मुकाम हर किसी के नसीब में नहीं होता, लेकिन कमाल अपने लेखन और सधे हुए निर्देशन से वो कमाल कर गए थे कि उन्हें ये दर्जा मिला. उनकी इसी शख्सियत ने ही शायद मीना कुमार को उनका बना दिया था. कमाल अमरोही के प्यार में मीना कुमारी (Meena Kumari) कुछ ऐसे घिरीं कि पहले ही 2 शादी कर चुके और तीन बच्चों के पिता से चुपचाप निकाह कर लिया. लेकिन कमाल अमरोही की शख्सियत का हर पहलू इतना ही आकर्षक नहीं था. बल्कि ये वही कमाल हैं, जो अपनी सुपरस्टार पत्नी के स्टारडम को तसल्ली से पचा नहीं पाए थे.
बहन के साथ गईं मीना और चुपचाप कर लिया निकाह
आउटलुक मैग्जीन के संस्थापक संपादक विनोद मेहता ने अपनी किताब ‘मीना कुमारी- द क्लासिक बायोग्राफी’ में बताया है कि कैसे मीना कुमारी ने अपने पिता से छिपकर अपनी बहन के साथ जाकर 14 फरवरी, 1952 में कमाल अमरोही से निकाह कर लिया. काजी पहले से ही तैयार थे, पहले सुन्नी और फिर शिया रिवायत से दोनों का निकाह हुआ. निकाह कर मीना अपनी बहन के साथ घर लौट गईं. एक साल और कुछ महीनों बाद अगस्त 1953 में मीना कुमारी अपने पिता का घर छोड़ कमाल के पास आ गईं. लेकिन फिर ‘मेड फॉर ईच अदर’ वाली इस जोड़ी के बीच चीजें बिगड़ने लगीं.
मीना कुमारी का पति नहीं, मैं कमाल अमरोही हूं
एक किस्सा इसी बीच काफी प्रसिद्ध है. एक बार मीना कुमारी और कमाल अमरोही, महाराष्ट्र सरकार के एक सरकारी कार्यक्रम में पहुंचे. यहां इरोज सिनेमा के मालिक सोहराब मोदी ने एक नेता से उनकी मुलाकात कराते हुए कहा, ‘ये हैं एक्ट्रेस मीना कुमारी और ये उनके पति कमाल अमरोही’. ये सुनकर कमाल नाराज हो गए और बोले, ‘नहीं, मैं कमाल अमरोही हूं और ये मेरी पत्नी मीना कुमारी.’ इसके बाद कमाल उस कार्यक्रम में मीना कुमारी को अकेला छोड़कर चले गए.

फिल्म ‘पाकीजा’ के सेट पर मीना कुमारी और कमाल अमरोही.
आज पर्स उठाता, कल चप्पल उठानी पड़ती…
ऐसा ही एक और किस्सा है, जब मीना कुमारी पति कमाल अमरोही के साथ एक पार्टी में गईं. लेकिन गलती से अपना पर्स वहीं छोड़ कर घर आ गईं. पर्स न पाकर मीना ने कमाल से कहा, ‘आपने मेरा पर्स वहां देखा था.’ तो कमाल अमरोही ने जवाब दिया, ‘हां देखा था. आज पर्स उठाता और फिर आगे चप्पल उठानी पड़ती… इसलिए मैंने पर्स नहीं उठाया…’ कमाल अमरोही की इस मानसिक असुरक्षा के चलते मीना कुमारी और उनका वैवाहिक जीवन उतना सफल नहीं हो सका, जितना उनका करियर रहा.
1964 में मीना और कमाल अलग हो गए और उनकी फिल्म ‘पाकीजा’ भी अटक गई. लेकिन पति से अलग होने के बाद 1968 में कमाल के अनुरोध पर ही मीना कुमारी ने इस फिल्म में काम किया. उस दौरान एक्ट्रेस लिवर सिरोसिस बीमारी से जूझ रही थीं. ‘पाकीजा’ फरवरी, 1972 में रिलीज हुई थी. शुरुआत में ये फिल्म सिनेमाघरों मे कमाल नहीं कर पा रही थी, लेकिन मार्च, 1972 में मीना कुमारी के मौत के बाद इस फिल्म ने सफलता के झंडे गाड़ दिए.

फिल्म ‘दिल अपना और प्रीत पराई’ के सेट पर मीना कुमारी, कमाल अमरोही और निर्देशक किशोर साहू.
प्रोड्यूसर बन किया था परेशान
कमाल अमरोही में खुद को लेकर एक अहम का भाव था और ये भाव उनके हर रिश्ते में दिखा है. निर्देशक किशोर साहू ने अपनी आत्मकथा में इसका जिक्र किया है. किशोर साहू ने 1960 में फिल्म ‘दिल अपना और प्रीत पराई’ का निर्देशन किया था, जिसके प्रोड्यूसर कमाल अमरोही थे. किशोर अपनी किताब में लिखते हैं कि कमाल ने इस फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें नीचा दिखाने के लिए खूब परेशान किया था. इस फिल्म में अपने मनचाहे बदलाव न होने पर उन्होंने रिलीज को ही लटका दिया. बाद में जब के. आसिफ के बीच में आने पर फिल्म रिलीज हुई तो नाराज अमरोही ने इस फिल्म के निर्माताओं में अपनी बजाए अपने असिस्टेंट बाकर का नाम दे दिया था.
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Tags: Entertainment Special, Entertainment Throwback
FIRST PUBLISHED : February 15, 2023, 17:37 IST