Rajasthan

Karva Chauth: सुहागिनों के लिए खास बने करवे, मिट्टी के बर्तनों की परंपरा को जीवित रखे हुए हैं पीराराम

मनमोहन सेजू/ बाड़मेर: आधुनिकता के दौर में त्योहारों के मनाने का तरीका भले ही बदल गया हो, लेकिन कुछ लोग अभी भी पुरानी कलाओं और परंपराओं को संजोए रखने में जुटे हुए हैं. ऐसी ही एक परंपरा है मिट्टी के बर्तनों से जुडी है, जिनका कभी ग्रामीण भारत के जीवन में अहम स्थान था, लेकिन अब यह कला विलुप्ति के कगार पर है. करवा चौथ जैसे खास त्योहार पर मिट्टी के करवे बनाने वाले कारीगर इस परंपरा को जीवित रखने की कोशिश कर रहे हैं.

25 साल से कर रहे हैं मिट्टी के बर्तनों का निर्माणपश्चिमी राजस्थान के सरहदी बाड़मेर जिले के बलदेव नगर के निवासी पीराराम पिछले 25 सालों से चाक पर मिट्टी के बर्तन बनाने का काम कर रहे हैं. उनके पूर्वज भी इसी कार्य में संलग्न थे, लेकिन वर्तमान पीढ़ी इस काम को आगे नहीं बढ़ा रही है. पीराराम बताते हैं कि मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए वे मोकलसर क्षेत्र से विशेष प्रकार की मिट्टी लाते हैं. इसके बाद बर्तनों को आकर्षक बनाने के लिए उन्हें रंगों से सजाया जाता है.

मिट्टी के करवे और दीपक मार्केट में उतारेकरवा चौथ के अवसर पर पीराराम ने अपने हाथों से बनाए मिट्टी के करवे और दीपक बाजार में उतारे हैं. उनके द्वारा बनाए गए दीपक 10 रुपए से शुरू होते हैं, जबकि रंग-बिरंगे कलश 100 रुपए में उपलब्ध हैं. उनका कहना है कि यह कला अब केवल आधा दर्जन कारीगरों तक सिमट कर रह गई है, क्योंकि मेहनत के मुकाबले उचित आर्थिक लाभ नहीं मिल पाता है.

परंपरा को बनाए रखने की कोशिशपीराराम लगातार इस कला को जीवित रखने के प्रयास में जुटे हैं. उनके बनाए हुए बर्तन हर जगह सराहे जाते हैं और लोग इन्हें खरीदने आते हैं. हालांकि, उन्हें इस बात का अफसोस है कि इस मेहनत से जितनी आय होनी चाहिए, उतनी नहीं हो पाती. इसके बावजूद, वे अपनी पुरानी परंपरा को जीवित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और मिट्टी के बर्तन बनाना जारी रखे हुए हैं.

Tags: Barmer news, Karva Chauth, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : October 20, 2024, 11:37 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj