कबाड़ी वाले से खरीदी खटारा बस, कसवा दिए नट-बोल्ट, फिर सड़क पर धड़ल्ले से दौड़ा दी ‘मौत’!

राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र, विशेष रूप से सीकर और चूरू जिलों में, निजी बस मालिकों द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. प्रादेशिक परिवहन कार्यालय (RTO) सीकर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में कई निजी बसें पिछले चार वर्षों से बिना रजिस्ट्रेशन, परमिट, टैक्स, इंश्योरेंस, और फिटनेस सर्टिफिकेट के सवारियां ढो रही हैं. कुछ बस मालिकों ने तो अपनी बसों की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) सरेंडर करवा दी, फिर भी अवैध रूप से सवारी ढुलाई जारी रखी. इससे भी गंभीर, चूरू जिले में एक ही नंबर प्लेट का उपयोग कर दो-दो बसें चलाने का खेल सामने आया है. इस तरह की गतिविधियां न केवल सवारियों और राहगीरों की जान के साथ खिलवाड़ कर रही हैं बल्कि टैक्स चोरी के जरिए सरकारी खजाने को भी भारी नुकसान पहुंचा रही हैं.
राजगढ़ में कबाड़ी बस सीजहाल ही में राजगढ़ बस स्टैंड पर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जहां एक कबाड़ी से खरीदी गई बस को दूसरी बस की नंबर प्लेट लगाकर सड़कों पर चलाया जा रहा था. RTO सीकर और स्थानीय पुलिस ने इस बस को जब्त कर लिया और इसे राजगढ़ थाने में खड़ा किया गया है. यह बस बिना किसी वैध दस्तावेज के संचालित हो रही थी, जिसके कारण सवारियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा था.
चूरू में फर्जी नंबर प्लेटों का खेलचूरू जिला इस अवैध बस संचालन का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा है. यहां कई बस मालिक एक ही नंबर प्लेट का उपयोग कर दो या उससे अधिक बसें चला रहे हैं. यह गैरकानूनी प्रथा न केवल मोटर वाहन अधिनियम, 1988 का उल्लंघन है, बल्कि सवारियों की जान को भी खतरे में डाल रही है. बिना इंश्योरेंस वाली बसें दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों को कोई वित्तीय सुरक्षा प्रदान नहीं करती. इसके अलावा, बिना फिटनेस सर्टिफिकेट वाली बसें यांत्रिक रूप से असुरक्षित हो सकती हैं, जिससे बड़े हादसों का खतरा बढ़ जाता है.
RTO सीकर की कार्रवाईRTO सीकर ने इन अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. परिवहन विभाग ने नियमित जांच अभियान चलाकर ऐसी बसों को पकड़ना शुरू किया है. हाल के महीनों में कई बसों को चालान किया गया और कुछ को सीज भी किया गया. परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वे फर्जी नंबर प्लेटों और बिना परमिट वाली बसों के खिलाफ विशेष अभियान चला रहे हैं. इसके लिए चूरू, राजगढ़, और सीकर के प्रमुख बस स्टैंडों पर नियमित चेकिंग की जा रही है. परिवहन विभाग के नियंत्रण कक्ष (0141-2373044, 18002000103) पर भी शिकायतें दर्ज की जा सकती है.
टैक्स चोरी और सरकारी नुकसानइन अवैध बसों के संचालन से सरकार को रोड टैक्स, कम्पोजिट टैक्स, और अन्य शुल्कों के रूप में भारी राजस्व हानि हो रही है. राजस्थान RTO की जिम्मेदारी में रोड टैक्स संग्रह, वाहन फिटनेस, और परमिट जारी करना शामिल है. बिना टैक्स और इंश्योरेंस के बसें चलाना मोटर वाहन अधिनियम की धारा 66 (परमिट उल्लंघन) और धारा 146 (बिना इंश्योरेंस वाहन चलाना) का उल्लंघन है, जिसके लिए भारी जुर्माना और वाहन जब्ती की सजा हो सकती है. स्कूल बसों में भी फर्जी नंबर प्लेटों का उपयोग चिंता का विषय है, क्योंकि यह बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डालता है.
सामाजिक और कानूनी प्रभावयह मामला शेखावाटी क्षेत्र में परिवहन विभाग की निगरानी और जवाबदेही पर सवाल उठाता है. स्थानीय लोग और यात्री संगठन इस मुद्दे पर आक्रोश जता रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी अवैध बसों के खिलाफ अभियान चलाने की मांग उठ रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि परिवहन विभाग को डिजिटल निगरानी प्रणाली और नियमित ऑडिट को मजबूत करना होगा ताकि ऐसी गतिविधियां रोकी जा सकें.