Gulab Kothari article on Chandrama Podcast Concluding Part 21 Sep 2023 | चन्द्रमा है वैहायस कृष्ण

जयपुरPublished: Sep 20, 2023 09:42:26 pm
Gulab Kothari Article: …चन्द्रमा को आकाश (विहायस) में रहने से वैहायस कृष्ण कहते हैं। चन्द्रमा को सर्वथा काला होने के कारण ही कृष्ण कहते हैं। चन्द्रमा सोम पिण्ड है, सोम परमेष्ठी की वस्तु है और परमेष्ठी में भूतज्योति का सर्वथा अभाव है। चन्द्रमा शुक्ल प्रतीत होता है किन्तु ध्यान से देखने पर उसका कृष्णत्व प्रकट हो जाता है।… सुनें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी के विशेष आलेख चन्द्रमा: एक वैदिक परिप्रेक्ष्य का समापन भाग चन्द्रमा है वैहायस कृष्ण
Gulab Kothari Article Podcast – Concluding Part
Gulab Kothari Article On Chandrama – Concluding Part: …चन्द्रमा को आकाश (विहायस) में रहने से वैहायस कृष्ण कहते हैं। चन्द्रमा को सर्वथा काला होने के कारण ही कृष्ण कहते हैं। चन्द्रमा सोम पिण्ड है, सोम परमेष्ठी की वस्तु है और परमेष्ठी में भूतज्योति का सर्वथा अभाव है। चन्द्रमा शुक्ल प्रतीत होता है किन्तु ध्यान से देखने पर उसका कृष्णत्व प्रकट हो जाता है। स्वयंभू सत्य का नाम ही कृष्ण है, यही अव्यय है। स्वयंभू ही सत्यलोक से परमेष्ठी मण्डल में, परमेष्ठी से सूर्य में, सूर्य से चन्द्रमा में, चन्द्रमा से पृथ्वी में और पृथ्वी द्वारा जीवों में आता है। जीवात्मा उसी सत्य का अंश है। कृष्ण गीता में कहते हैं-ममैवांशो जीवलोके जीवभूत: सनातन:।
……………………………
गुलाब कोठारी को वैदिक अध्ययन में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्हें 2002 में नीदरलैन्ड के इन्टर्कल्चर विश्वविद्यालय ने फिलोसोफी में डी.लिट की उपाधि से सम्मानित किया था। उन्हें 2011 में उनकी पुस्तक मैं ही राधा, मैं ही कृष्ण के लिए मूर्ति देवी पुरस्कार और वर्ष 2009 में राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान से सम्मानित किया गया था।