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Kidney stones can be avoided by changing the way of eating | Treatment of kidney stone : खाने-पिने के तरीकों में बदलाव करके किडनी के स्टोन्स से बचा जा सकता है, जानिए कैसे

Treatment of kidney stone : किडनी में होने वाले स्टोन को नेफ्रोलिथियासिस या यूरोलिथियासिस भी बोला जाता है। मिनरल्स और सॉल्ट्स कठोर होकर किडनी के अंदर एक जगह जमा हो जाते हैं। बहुत से लोगो के लिए किडनी में स्टोन्स होना सिर्फ एक बार होने वाली बीमारी नहीं है।

Treatment of kidney stone : किडनी में होने वाले स्टोन्स को नेफ्रोलिथियासिस या यूरोलिथियासिस भी बोला जाता है। मिनरल्स और सॉल्ट्स कठोर होकर किडनी के अंदर एक जगह जमा हो जाते हैं। बहुत से लोगो के लिए किडनी में स्टोन्स होना सिर्फ एक बार होने वाली बीमारी नहीं है। अगर वह इसके लिए दवाइयां न खाए ना लें तो 50 % से ज्यादा लोगों को 7-8 महीने बाद दोबारा स्टोन्स हो जाती है।

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Know what causes kidney stones जानिए आखिर किस कारण से होते है किडनी में स्टोन्स
किडनी में स्टोन्स तब बनती है जब कैल्शियम,ऑक्सालेट या यूरिक एसिड जैसे कुछ तत्व हमारी किडनी में क्रिस्टल बनाने के लिए काफी होता है । अधिकतर स्टोन्स तब होती है जब कैल्शियम ऑक्सालेट के साथ मिल जाता है। स्टोन्स यूरिक एसिड से भी बनता है और यह यूरिक एसिड हमारे मेटाबोलिज्म के जरिए भी बनाया जाता है। क्रिस्टल बड़े पत्थर जैसे रूप में बनते है , जो युरेथ्रा ( मूत्र पथ) के जरिए अपना रास्ता बना सकते हैं।

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अगर स्टोन कहीं फंस जाती है तो यूरिन को बहार निकलने से रोक देती है , जिसकी वजह दर्द होता है, कभी-कभी यूरिन में खून भी आने लग जाता है , बेचैनी के साथ – साथ उल्टी जैसा मन भी हो जाता है । जैसे ही स्टोन यूरेटर (मूत्रवाहिनी) से होकर यूरिनरी ब्लैडर ( मूत्राशय) की तरफ जाती है, बार-बार पेशाब आने जैसा होता है , यूरिनरी ब्लैडर पर प्रेशर बनता है जो की आगे जाकर कमर में दर्द होने का कारण भी बन सकता हैं।

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