प्राचीन जल स्त्रोतों का संरक्षण बहुत जरूरी कार्यक्रम में शामिल हुए डाक्टर अमरचंद कुमावत ने कहा कि पत्रिका की इस मुहीम के माध्यम से प्राचीन जलाशयों को जीवनदान मिल रहा है। समाजसेवी दीपक धीर ने कहा कि भूमि में जल स्तर को बनाए रखने के लिए प्राचीन जल स्त्रोतों का संरक्षण बहुत जरूरी है। राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र लोकेन्द्र सिंह रायथेलिया ने कहा कि पत्रिका के सामाजिक अभियान देखकर युवाओं में भी सरोकार की भावना जागृत हो रही है।
दिया जल संरक्षण का संदेश इस दौरान पूर्व विधायक सुरेन्द्र पारिक ने उपस्थित सभी लोगों को जल संरक्षण का संकल्प दिलाया। जय भारत जन चेतना मंच के अध्यक्ष विक्रम सिंह तंवर ने बावड़ी के इतिहास और महत्व के बारे में बताया। कार्यक्रम के अंत में लोगों ने ‘जल है तो कल है’, ‘जल ही जीवन है’ और ‘जल है अनमोल, इसका नहीं है कोई मोल’ जैसे नारे लगाकर जल संरक्षण की आवाज बुलंद की।
इन श्रमजीवियों ने भी लिया हिस्सा अभियान के दौरान ललित जायसवाल, एडवोकेट राजकुमार शर्मा, जुगल शर्मा, विनोद नेगी, अशोक महावर, हमंत सोनी, सिद्धार्थ कुमावत, ललित पारिक, नितिन मीणा समेत और छात्र कुश शर्मा, दक्ष गौतम, विक्टोरिया कल्याण समेत अन्य ने श्रमदान किया।