राजस्थान कोचिंग सेंटर बिल में क्या कुछ? 5 घंटे पढ़ाई, बकाया फीस और… कौन से नियमों में हुआ बदलाव, जानें

Last Updated:March 20, 2025, 08:54 IST
Rajasthan Coaching Center Bill 2025: केंद्र सरकार ने यह माना था कि कम उम्र के बच्चों पर अत्यधिक दबाव आत्महत्या की बड़ी वजह है. इसलिए उम्र सीमा तय की गई थी. लेकिन राज्य सरकार ने बिल से उम्र सीमा का प्रावधान हटा …और पढ़ें
उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा.
हाइलाइट्स
राजस्थान कोचिंग सेंटर बिल 2025 पेश किया गया.राजस्थान कोचिंग सेंटर बिल 2025 पेश किया गया.कोचिंग सेंटर 5 घंटे से ज्यादा पढ़ाई नहीं कराएंगे.
जयपुर: राजस्थान के कोटा का नाम तो सभी ने ही सुन रखा है. यह देश में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर का हब माना जाता है. बड़ी संख्या से देश भर के युवा अपने सपनों को साकार करने के लिए यहां पहुंचते हैं. हालांकि, कई बार युवाओं और उनके घरवालों को परेशानी का सामना करना पड़ जाता है. उनकी मुश्किलें तब और बढ़ जाती हैं जब कोचिंग सेंटर अवैध पाए जाते हैं. मगर, अब भजनलाल सरकार का कोचिंग सेंटर पर कंट्रोल होगा. इसके लिए सरकार ने बुधवार को ‘राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक-2025’ विधानसभा में पेश किया. उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने विधयेक सदन के पटल पर रखा. अब इस पर चर्चा होगी. बिल पास होने पर कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर अंकुश लगेगा. आइए अब जानते हैं कि राजस्थान कोचिंग सेंटर विधेयक में बच्चों को मुसीबतों से बचाने के लिए आखिर क्या कुछ होगा.
पिछले साल हुआ था घाटा?राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक, 2025 को राज्य के 7,000 करोड़ रुपये के कोचिंग उद्योग के लिए एक बड़ी रियायत के रूप में देखा जा रहा है. अधिकतर कोचिंग सेंटर कोटा में मौजूद हैं और जयपुर और सीकर जैसे शहरों में फैल रहे हैं. आईआईटी-जेईई और एनईईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर ने केंद्र सरकार के जनवरी 2024 के दिशा-निर्देशों का विरोध किया था, खासकर उम्र पर लगाए गए प्रतिबंध का. कोचिंग सेंटर से जुड़े लोगों ने इस बदलाव को पिछले साल छात्र नामांकन में 30-40 फीसदी की गिरावट और राजस्व घाटे के लिए जिम्मेदार ठहराया था.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कोचिंग उद्योग के एक अंदरूनी सूत्र का कहना है, ‘पिछले साल अकेले कोटा में करीब 40,000 छात्रों की गिरावट दर्ज की गई, जिससे सैकड़ों करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हुआ. इसका असर कोचिंग सेंटर और हॉस्टल, परिवहन सेवाओं, लाइफस्टाइल व्यवसायों और रियल एस्टेट पर पड़ा’.
पहले उम्र पर लगाया था प्रतिबंध दरअसल, पहले केंद्र सरकार ने कोचिंग संस्थानों के लिए गाइडलाइन जारी की थी. गाइडलाइन में साफ था कि किसी कोचिंग संस्थान का रजिस्ट्रेशन तभी होगा जब वह 16 साल से कम उम्र के विद्यार्थियों का एडमिशन नहीं लेगा. राजस्थान की मौजूदा सरकार ने विधेयक के पहले ड्राफ्ट में यह प्रावधान रखा था. मगर, बुधवार को विधानसभा में रखे गए विधेयक में यह प्रावधान गायब है.
केंद्र सरकार ने यह माना था कि कम उम्र के बच्चों पर अत्यधिक दबाव आत्महत्या की बड़ी वजह है. इसलिए उम्र सीमा तय की गई थी. लेकिन राज्य सरकार ने बिल से उम्र सीमा का प्रावधान हटा दिया है
विधेयक में यह सब मौजूद
राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक 2025 में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कैरियर मार्गदर्शन, मनोवैज्ञानिक परामर्श देने का प्रावधान किया गया है. ताकि बच्चों को डिप्रेशन और मेंटल स्ट्रेस जैसी गंभीर समस्या से बचाया जा सकें.
कोचिंग सेंटर पर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी वर्कशॉप और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. ताकि बच्चों को स्वास्थ्य, अच्छे पोषण की जानकारी मिले. नशीले पदार्थों से भी दूर रहें.
संकट और तनाव स्थिति में कोचिंग सेंटर छात्रों को निरंतर सहायता प्रदान करे. इसके लिए जिला समिति ये तय करे कि कोचिंग सेंटर एक ऐसी परामर्श प्रणाली विकसित करे, जो छात्रों और अभिभावकों को आसानी से उपलब्ध हो.
छात्रों को उनके सुधार के बारे में प्रभावी जानकारी देने वाले ट्यूटर्स को भी समय-समय पर स्वास्थ्य संबंधी ट्रेनिंग दी जाए, ताकि छात्रों को सही तरीके से गाइड किया जा सके.
करियर काउंसलर को भी शामिल करने की बात कही गई है, ताकि छात्रों को उनकी रूचि, योग्यता और क्षमता के आधार पर निर्णय लेने में मदद मिल सके कि वो अपने भविष्य के लिए किस रास्ते का चुनाव करें. छात्रों और अभिभावकों को यथार्थवादी मार्गदर्शन और परामर्श मिल सके.
कोई भी कोचिंग सेंटर भ्रामक विज्ञापन नहीं देगा और ना ही किसी तरह के अन्य विज्ञापनों में भाग लेगा.
कोई भी विद्यार्थी पाठ्यक्रम की पूरी फीस जमा कर देता है और बीच में पढ़ाई छोड़ता है तो शेष अवधि के लिए पूर्व में जमा फीस 10 दिन में वापस देनी होगी.
कोचिंग संस्थान किसी भी विद्यार्थी को 5 घंटे से ज्यादा एक दिन में कोचिंग नहीं देंगे.
प्रस्तावित कानून के अस्तित्व में आने के बाद प्रत्येक कोचिंग संस्थान को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा.
इतना भरना पड़ेगा जुर्मानाअब उल्लंघन करने की सजा में भी बदलाव किया है. अगर पहली बार किसी नियम का उल्लंघन होता है तो 2 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा, जबकि पहले 25 हजार रुपये था. वहीं बार-बार अपराध करने पर कोचिंग संस्थानों को 5 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा, जो पहले 1 लाख रुपये था.
हालांकि, विधेयक में केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों से कुछ प्रावधानों को हटा दिया गया है, जिसमें ब्रेल अध्ययन सामग्री, ई-रीडर और सुलभ शौचालय जैसी दिव्यांग-फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता शामिल है. यह शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर बैच विभाजन पर चुप है, एक ऐसी प्रथा जिसकी छात्रों में तनाव बढ़ने के कारण आलोचना की गई है।
Location :
Jaipur,Rajasthan
First Published :
March 20, 2025, 08:49 IST
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