know right method is no less than a lifesaver – News18 हिंदी

सनन्दन उपाध्याय/बलिया: कहते हैं जल ही जीवन है. पानी पीना हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है, लेकिन सही प्रयोग की जानकारी न होने के कारण शरीर रोग ग्रस्त होता जा रहा है. पानी के अनगिनत फायदों के बारे में तो सब जानते हैं, लेकिन पानी पीने के सही तरीके के बारे में कम ही लोगों को पता होगा. अगर पानी सही तरीके से न पीया जाए, तो ये कई समस्याएं भी खड़ी कर सकता है.
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर बलिया की चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह बताती हैं कि जल ही जीवन है, परंतु जल का सही उपयोग मालूम न होने के कारण शरीर एक नहीं बल्कि तमाम रोगों से ग्रस्त होता जाता है. अगर पानी पर कंट्रोल कर सही तरीके से सेवन किया जाए तो अपने आप तमाम गंभीर बीमारियां जड़ से खत्म हो जाएगी. आयुर्वेद में पानी पीने के इतने नियम बताए गए हैं कि अगर उस हिसाब से पानी सेवन किया जाए तो बिना औषधि लिए ही तमाम गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है.
खाना खाने के तुरंत पहले और बाद पानी पीने से बचना चाहिए
पानी खाने से तुरंत पहले कभी नहीं पीना चाहिए या खाने के तुरंत बाद नहीं पीना चाहिए. जो बहुत मोटे हैं उनको खाने के बीच-बीच में पानी पीना चाहिए. जो बहुत दुबले पतले हैं वो खाने के बाद पानी पी सकते हैं.
किसको पीना चाहिए कम और किसको अधिक?
जिनको कोई आंखों की समस्या हो उनको पानी कम पीना चाहिए. जिनको मधुमेह, डायबिटीज, खाना न पचता हो, बुखार हो या जुकाम हो उनको कम से कम पानी पीना चाहिए. ठंडा पानी उनको पीना चाहिए जिनको बहुत ज्यादा प्यास लगती हो. जिनको पित्त की अधिकता, रक्त की बीमारी या जो बहुत ज्यादा ड्रिंक करते हैं, वो अधिक पानी पी सकते हैं. जिनको चक्कर आते हैं वो भी ज्यादा पानी पी सकते हैं.
ये हैं गर्म पानी पीने के सही नियम और फायदे
जिनको पुराना जुकाम, बुखार या सांस फूलने की बीमारी इत्यादि रोगों में गर्म पानी का सेवन लाभकारी होता है. गर्म पानी को उबालकर जब आधा बच जाए वह जठराग्नि को प्रदीप्त करेगा. पचाने में आसान होगा. मूत्र के दह को शांत करेगा और वही पानी उबालकर चौथाई भाग सेवन किया जाए तो उस पानी को हम आरोग्य अंबु कहते हैं. यह श्वास का अतिसार, मधुमेह या शरीर में कहीं दर्द इत्यादि से संबंधित तमाम बीमारियों को नष्ट कर देता है. एक बर्तन से दूसरे बर्तन में गिरा गिरा कर ठंडा न करें इसलिए कि वह पानी भारी हो जाएगा और पचने में कठिन होगा.
पानी उबालकर उसको किसी पात्र से ढक दीजिए. जब वह अपने आप ठंडा हो तब उसका सेवन कीजिए. कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है. यह पानी जब पीने योग्य ठंडा होता है, तो ढके हुए पात्र के ऊपर पानी के कण जमा होकर धीरे-धीरे इस पानी में मिल जाते हैं जो बहुत लाभकारी होता है. शरद ऋतु में गर्म पानी का चौथाई भाग सेवन करना चाहिए. बसंत ऋतु में पानी को उबालकर आधा शेष रहने पर पीना चाहिए. पानी का सही तरीके से सेवन करना शरीर के लिए रामबाण और तमाम औषधियों से भी बढ़कर है.
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FIRST PUBLISHED : February 18, 2024, 16:46 IST