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दाद, खाज, खुजली मिटाने के लिए जब सारे घरेलू उपाय फेल हो जाए तो क्या करना चाहिए? जानिए सॉलिड जानकारी

When Home Remedies of Eczema Not Work: कहीं भी अगर स्किन में खुजली हो जाए तो यह बहुत ही शर्मिंदगी का अहसास कराती है. लेकिन कुछ लोगों को दाद, खाज, खुजली की अक्सर समस्याएं रहती है. कई तरह के इलाज कराते हैं लेकिन ठीक नहीं होती. घरेलू उपचार कर थक जाते हैं. इसके बाद दुकान से खुजली की क्रीम खरीद लेते हैं और इसे लगाते हैं. कुछ दिन इससे ठीक भी हो जाता है लेकिन इसके बाद फिर से शुरू हो जाती है. दाद, खाज, खुजली ऐसी हो जाती है कि कभी जाती ही नहीं. मरीज को लगता है कि थोड़ी खुजली ही तो है, इससे और क्या नुकसान हो सकता है. लेकिन अगर आप इस खुजली का जड़ से इलाज नहीं कराते तो इससे डर्मेटाइटिस, एलर्जी, हे फीवर और अस्थमा का खतरा भी बढ़ सकता है. इसलिए जब दाद, खाज, खुजली का घरेलू उपाय से इलाज न हो, तो इसका मुकम्मल इलाज कराना जरूरी है.

लंबे इलाज की जरूरतक्लीवलैंड क्लीनिक की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. कैथरीन एंडरसन कहती हैं कि एक्जिमा का इलाज सीढ़ियों पर चढ़ने की तरह ही है, जब तक आप पूरी सीढ़ी नहीं चढ़ेंगे, इसका मुकम्मल इलाज संभव नहीं है. उन्होंने बताया कि एक्जिमा के इलाज में बहुत अधिक समय लगता है. कभी-कभी आपको लगेगा कि अब दाद, खाज, खुजली से मुक्ति मिल गई है लेकिन कुछ दिनों के बाद दोबारा शुरू हो जाती है. इसमें ट्रायल एंड एरर का जोखिम है. हालांकि ज्यादा दिनों तक इसकी दवा खाने से साइड इफेक्ट का भी खतरा रहता है. इसलिए सही तरीके से इलाज कराने की जरूरत होती है. एक्जिमा के लिए घरेलू इलाज में लोग आमतौर पर दुकान से क्रीम ले आते हैं तो ठीक हो जाता है. इसके अलावा ब्लीच बाथ, कूल कंप्रेसेज, कुछ दिनों तक गुनगुने पानी से भी इलाज किया जाता है. अब सवाल है कि यदि इन चीजों से खुजली ठीक नहीं होती तो क्या करना चाहिए.

घरेलू इलाज के बाद क्याडॉ. एंडरसन कहती हैं कि जब खुजली में घरेलू दवा फेल होने लगे तो कॉर्टिकोस्टेराइड्स का सहारा लिया जाता है. इसे तेल या क्रीम में मिलाकर तैयार किया जाता है जिसे खुजली वाली जगहों पर लगाया जाता है. इसे लंबे समय तक लगाना होता है लेकिन यह काम खुद से नहीं हो सकता है. इसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है. डॉ. एंडरसन कहती हैं कि बहुत दिनों तक स्टेरॉयड पर निर्भर होना भी अच्छा नहीं है. ऐसे में यदि अब तक खुजली सही नहीं हुई है तो इंहीबिटर मेडिसीन दी जाती है. इसमें खून में ही फंगस को रोका जाता है. इसके अलावा लाइट थेरेपी भी दी जा सकती है. इसमें अल्ट्रावायलेट लाइट से इंफ्लामेशन को खत्म किया जाता है. इसके अलावा इम्यूनोसप्रेसेंट मेडिसीन भी दी जा सकती है. इन सबके अलावा इंजेक्शन भी लगाया जा सकता है. लेकिन ध्यान रहें ये सब अपने मन से नहीं लिया जा सकता है. इसके लिए डर्मेटोलॉजिस्ट ही आपको सलाह देंगे. पर खुजली की बीमारी को शरीर में पलने नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे अन्य परेशानियां हो सकती हैं.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle, Skin care

FIRST PUBLISHED : May 27, 2024, 19:09 IST

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